रायपुर। हाईकोर्ट ने रायपुर के परिवहन कार्यालय में परमिट के फर्जीवाड़े और चल रहे बाबू राज को लेकर गहरी नाराजगी जताई और और अगली सुनवाई तक पूरे स्टाफ को बदलने का आदेश सुनाया। साथ ही यह भी कहा कि आदेश पर प्रोग्रेस रिपोर्ट भी दी जाये।

RTO को लगाई कड़ी फटकार

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने परमिट मामले में हो रहे फर्जीवाड़े को लेकर रायपुर RTO को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने जल्द से जल्द पूरा स्टाफ बदलने का आदेश भी दिया। इसके साथ ही रायपुर के खमतराई थाना प्रभारी को भी 10 बजे तक हाजिर न होने पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट रूम में ही रहने के निर्देश दिए।

एक कर्मचारी सालों से टिका है..!

कोर्ट ने सड़क परिवहन अधिकारी कार्यालय में हो रही गड़बड़ी और परमिट को लेकर फर्जीवाड़े की शिकायत के मामले में चल रही सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किया है। कोर्ट ने आरटीओ रायपुर के एक कर्मचारी के सालों से एक ही जगह पर टिके होने को लेकर नाराजगी जाहिर की और अधिकारी को फटकार भी लगाई।

फर्जीवाड़ा रोकने के आदेश

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उपस्थित आरटीओ अधिकारी कीर्तिमान सिंह ठाकुर को कार्यालय में हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के कड़े शब्दों में निर्देश दिए, इसके अलावा आरटीओ का पूरा स्टाफ बदलने को भी कहा। आरटीओ स्टाफ के एक कर्मचारी के सालों से एक ही जगह टिके होने की बात पर आश्चर्य जाहिर करते हुए उसे भी बदलने के निर्देश दिए हैं।

थाना प्रभारी को कोर्ट में खड़ा कराया

कोर्ट ने इस मामले में चल रही सुनवाई में जस्टिस एन के व्यास ने रायपुर खमतराई थाना प्रभारी को सुबह 10 बजे पेश होने कहा था, लेकिन थाना प्रभारी दोपहर 1 बजे पेश हुए, जिससे कोर्ट नाराज हो गया और थाना प्रभारी को डेढ़ बजे से शाम 4 बजकर 25 मिनट तक कोर्ट में ही रहने को कहा।

व्यवस्था कैसे ठीक होगी..? शपथ पत्र जमा करें..

रायपुर जिला क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में हो रहे परमिट में घोटाले के मामले को लेकर कोर्ट ने रायपुर आरटीओ अधिकारी कीर्तिमान सिंह ठाकुर को अगली सुनवाई 4 जनवरी को एक लिखित शपथ पत्र पेश करने भी कहा है।

कोर्ट ने शपथ पत्र में पूरे दफ्तर की व्यवस्था कैसे ठीक होगी और इसकी क्या योजना है, इसकी विस्तृत जानकारी देने को कहा है। कोर्ट ने आरटीओ कार्यालय के पूरे स्टाफ को बदलने के निर्देश जारी किए हैं। इस निर्देश पर प्रोग्रेस रिपोर्ट भी शपथ पत्र में मांगा है। यहां काफी समय से चल रहे फर्जीवाड़े और परमिट को लेकर मिलने वाली शिकायतों को लेकर कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है।

कोर्ट ने परमिट मामले में रायपुर आरटीओ के अधिकारियों को पूछा कि मामले की जानकारी उन्हें है या नहीं, और नहीं है तो पूरे मामले की जानकारी एकत्र करें।

ऐसा पहली बार हो रहा है कि प्रदेश के किसी RTO कार्यालय में हो रहे फर्जीवाड़े को लेकर मामला कोर्ट में दायर किया गया हो और कोर्ट ने इस तरह की अव्यवस्था को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई हो, इतना ही नहीं कार्यालय के पूरे स्टाफ को भी बदलने का आदेश दिया गया है।

दरअसल पिछले कुछ वर्षों में नई व्यवस्था के तहत प्रदेश भर के कई RTO कार्यालयों में डिप्टी कलेक्टर स्तर के राजस्व से जुड़े अधिकारियों को जिला और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के पद पर बिठा दिया गया है। परिवहन के नियमो से अनजान इन अधिकारियों के RTO कार्यालय में काम कराने के लिए आने वाले नागरिकों से जमकर वसूली हुई है। इसी का फायदा बाबुओं अधिकारियों ने भी उठाया और परमिट तथा अन्य दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा भी किया।

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा की सरकार बनी है। वहीं कोर्ट ने भी RTO के राजधानी स्थित कार्यालय को लेकर गंभीर टिप्पणी की और आदेश भी जारी किये हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि नई सरकार सिर्फ रायपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश भर के RTO कार्यालयों में बिगड़ी हुई व्यवस्था को कड़ाई से सुधारने का प्रयास करेगी।

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