बस्तर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के चित्रकोट फॉरेस्ट रेंज में पिछले 6 महीनों से इलाके में आतंक मचा रहे एक तेंदुए को वन विभाग की टीम ने आखिरकार पकड़ने में सफलता हासिल कर ली है। ग्रामीण क्षेत्र में तेंदुआ के लगातार दिखने की वजह से यहां के लोग दहशत में थे और वन विभाग के अधिकारियों को आए दिन तेंदुए के द्वारा पालतू मवेशियों को नुकसान पहुंचाने की शिकायत कर रहे थे।
बताया जा रहा है कि कुछ ग्रामीणों पर भी तेंदुआ के द्वारा हमला करने की भी घटना सामने आयी थी। लंबे समय से प्रयास के बाद गुरुवार को वन विभाग की टीम ने इसे पकड़ने में सफलता हासिल कर ली। फिलहाल तेंदुआ को पिंजरे में रखा गया है. हालांकि पकड़ने के दौरान तेंदुआ घायल भी हुआ है, जिसे बेहोश कर इलाज किया गया है और इसे कांगेर वैली नेशनल पार्क के घने जंगलों में छोड़ने की तैयारी वन विभाग के द्वारा की जा रही है.
15 से ज्यादा पालतू मवेशियों को किया घायल
चित्रकोट रेंज के वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रकाश ठाकुर ने बताया कि चित्रकोट फारेस्ट रेंज के बांझी, डोंगरी (साडरा), लामड़ागुड़ा सहित आसपास गांवों में लगातार तेंदुआ दिखने की सूचना मिल रही थी। इस तेंदुआ ने बीते कुछ महीनों से फारेस्ट रेंज के अलग अलग गांव में लगभग 15 से ज्यादा पालतू मवेशियों को घायल किया। तेंदुआ दिखने से चित्रकोट फॉरेस्ट रेंज में स्थित गांव गांव में ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ था। लोग डरे-सहमे से रह रहे थे। लंबे समय से विभाग के द्वारा तेंदुआ को पकड़ने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन सफलता नहीं मिली।
गुरुवार को तोकापाल ब्लॉक के सकरा गांव के वन परिक्षेत्र में तेंदुआ देखे जाने की सूचना मिली। इसके बाद वन विभाग की टीम ने तेंदुआ को काफी मशक्कत के बाद जाल और पिंजरे की मदद से पकड़ने में सफलता हासिल की।
कांगेर वैली जंगलों में छोड़ने की तैयारी
इधर विभाग के अधिकारी प्रकाश ठाकुर ने बताया कि इस तेंदुआ को कांगेर राष्ट्रीय उद्यान के सुरक्षित जंगल में छोड़ने की तैयारी चल रही है। दरअसल बस्तर जिला घने जंगलों से घिरा हुआ है और लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में भोजन और पानी की तलाश में जंगली जानवर रहवासी क्षेत्रों में आ रहे हैं। जिस तेंदुआ को गुरुवार को वन विभाग ने पकड़ा है उसके दहशत की वजह से ग्रामीणों का घर से निकलना मुश्किल हो गया था। साथ ही गांव के छोटे बच्चों को लेकर भी दहशत का माहौल बना हुआ था। इससे पहले भी ग्रामीणों ने इस तेंदुआ के दिखने पर इसे पकड़ने की कोशिश की लेकिन तेंदुआ भाग निकला और आज जैसे ही सूचना मिली वैसे ही वन विभाग ने इसे घेराबंदी कर और जाल की मदद से इस तेंदुआ को पकड़ लिया। फिलहाल इसे ऐसे सुरक्षित जंगलों में छोड़ने का प्रयास किया जा रहा है जहां तेंदुआ पालतू मवेशियों को और इंसानों के बच्चों को नुकसान ना पहुंचा सके।