रायपुर। कोरबा जिले में पदस्थ यातायात DSP शिवचरण सिंह परिहार को पुलिस मुख्यालय में अटैच किए जाने के कुछ घंटों बाद यहां पदस्थ TI सनत सोनवानी की भी मुख्यालय में रवानगी कर दी गई। इन अधिकारियों को तत्काल मुख्यालय आमद देने का आदेश जारी किया गया है। निर्वाचन आयोग की कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।

जिले में लंबे समय से पदस्थ थे परिहार

पता चला है कि निर्वाचन आयोग की CEO रीना बाबा को शिकायत की गई थी कि यातायात डीएसपी शिवचरण सिंह परिहार को कोरबा जिले में पदस्थ रहते हुए 3 साल से भी अधिक हो चुके हैं। इसके अलावा यह भी आशंका जताई गई थी कि वे चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। बता दें परिहार DSP ट्रैफिक के पद पर पदस्थापना से कुछ साल पहले कोरबा में ट्रैफिक TI भी रह चुके हैं। उनके खिलाफ अवैध वसूली की कई शिकायतें पीड़ितों द्वारा लिखित में की जा चुकी हैं।

पूर्व एसपी का मिला हुआ था संरक्षण

निर्वाचन आयोग की जद में आये कोरबा में पदस्थ TI सनत कुमार सोनवानी के खिलाफ भी काफी गंभीर शिकायतें थीं। मूल शिकायत तो यह है कि वे मूल कोरबा जिले के ही रहने वाले हैं। इसके बावजूद वे इस जिले में कई सालों से पदस्थ रहे और बालको थाने और साइबर सेल में TI के पद पर भी रहे। बताया जा रहा है कि सोनवानी का निवास कोरबा शहर के मानिकपुर इलाके में है। पूर्व में जब इनका ट्रांसफर किसी दूसरे जिले में हुआ तब ये वहां नहीं गए। इसलिए इन्हें गैर जिला बल में डाल दिया गया और पुलिस लाइन भेज दिया गया।

कोरबा के पूर्व SP उदय कुमार ने अपनी पदस्थापना के साथ ही गैर जिला बल में होते हुए भी सनत सोनवानी को साइबर सेल का इंचार्ज बना दिया। उदय कुमार के तबादले के बाद भी सोनवानी 3 दिनों पहले तक साइबर सेल के प्रभारी रहे, मगर जैसे ही निर्वाचन आयोग ने उनके संबंध में पूछताछ शुरू की नए SP ने सोनवानी को हटाकर फिर से गैर जिला बल में डाल दिया था। बताया जाता है कि उदय कुमार के पदस्थ रहने तक कोरबा जिले के समस्त थानेदार साइबर सेल इंचार्ज सोनवानी को ही रिपोर्टिंग किया करते थे। इसका मतलब वे काफी “पावरफुल” अधिकारी थे।

शिकायत को लेकर आयोग ने किया जवाब-तलब

कोरबा में पदस्थ रहे दोनों अधिकारियों के खिलाफ मिली शिकायतों को लेकर निर्वाचन आयोग ने कोरबा SP जितेंद्र शुक्ला से जवाब मांगा। प्रारंभिक छानबीन में ही दोनों अधिकारीयों के खिलाफ प्रमुख शिकायतें सही पाई गईं। जिसके संबंध में जवाब मिलने के बाद निवर्चन आयोग ने आदेश जारी किया और फिर पुलिस महानिदेशक के हस्ताक्षर से दोनों अधिकारियों को पुलिस मुख्यालय, रायपुर में अटैच करने का आदेश जारी किया गया। बताया जा रहा है कि दोनों अधिकारियों ने अपनी रवानगी भी डाल दी है।

गौरतलब है कि आम चुनाव से लगभग 3 से 4 महीने पहले जिलों के समस्त विभागों के प्रमुख अधिकारियों की सूची तैयार कर ली जाती है। जो भी अधिकारी 3 साल से अधिक समय से पदस्थ हैं उनका तबादला कर दिया जाता है, बावजूद इसके ट्रैफिक DSP परिहार पूर्व SP के संरक्षण के चलते जिले में ही रह गए। वहीं शासन का यह सख्त नियम है कि किसी भी बड़े अधिकारी को उसके गृह जिले में पदस्थ नहीं किया जायेगा। बावजूद इसके TI सनत कुमार सोनवानी कोरबा जिले में कई सालों तक पदस्थ रहे। कोरबा जिले से हाल ही में तमाम शिकायतों के चलते SP उदय कुमार को हटाकर जितेंद्र शुक्ला को पदस्थ किया गया। उनके जाने के बाद से उक्त दोनों अधिकारी टारगेट में थे। फिलहाल दोनों के खिलाफ ऐन चुनाव के बीच में कार्रवाई हो ही गई।

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