रायपुर। एनआईए ने 2 वर्ष पहले बीजापुर जिले के टेकलगुडियाम में सुरक्षा बल की एक टुकड़ी पर हुए हमले में शामिल 14 मोस्ट वांटेड नक्सलियों की सूची जारी की है। इन नक्सलियों के बारे में सूचना देने वालों को NIA ने नकद इनाम देने की घोषणा भी की है।
मामले में 23 के खिलाफ चार्जशीट पेश
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बीजापुर जिले के टेकलगुडियाम में हुए नक्सली हमले के मामले में पिछले साल ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के 23 सदस्यों के खिलाफ जगदलपुर की एक विशेष अदालत में चार्जशीट दायर कर दी थी। अब इस मामले में NIA ने 14 मोस्ट वांटेड नक्सलियों पर ईनाम घोषित किया है। चार्जशीट में नामजद अभियुक्तों में वरिष्ठ माओवादी नेता मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति, नब्बला केशव राव उर्फ गगन्ना, सुजाता और खूंखार कमांडर हिड़मा शामिल हैं। NIA ने नक्सलियों के बारे में सूचना देने पर नकद इनाम की घोषणा की है। ये सभी नक्सली दहशत फैलाने के कामों में लगे हुए हैं। एनआईए ने इन नक्सलियों की सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखने की बात कही है। बताया जा रहा है कि ये नक्सली बस्तर संभाग में सक्रिय हैं।
NIA ने जारी की यह सूची
NIA ने X पर ट्वीट करते हुए जो लिस्ट जारी की है, उसमें इन नक्सलियों के नाम शामिल हैं :
रघु रेड्डी
सुजाता उर्फ पोथालु कल्पना
सागर उर्फ अन्ने संतोष
वेल्ला उर्फ वेल्ला मोडियाम
निर्मला उर्फ निर्मलक्का
राहुल तेलम उर्फ राहुल रय्याम
मदन्ना उर्फ जग्गू दादा
ताती कमलेश उर्फ गांधी
राजे उर्फ राजक्का
झुतरऊ ओयामी उर्फ अशोक
पवन हेमला
जोगी माडवी
सीतु मड़कम
जोगी हेमला
गश्त से लौट रहे जवानों पर किया था हमला
3 अप्रैल 2021 को 350 से 400 सशस्त्र माओवादियों ने बीजापुर जिले के तर्रेम पुलिस स्टेशन के तहत टेकलगुडियाम गांव के पास सुरक्षाकर्मियों के एक दल पर हमला कर दिया था, जिसमें 22 जवान शहीद हो गए थे और 35 से अधिक घायल हो गए थे। इस हमले के दौरान सुरक्षाकर्मियों के हथियार और गोला-बारूद लूट लिए गए, जबकि कोबरा के एक कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास का अपहरण कर लिया गया। अपहृत जवान को बाद में रिहा कर दिया गया।
पुलिस के बाद NIA ने दर्ज किया प्रकरण
शुरुआत में यह मामला तर्रेम पुलिस थाने में दर्ज किया गया था और बाद में NIA द्वारा इसे इस साल 5 जून को फिर से दर्ज किया गया। बताया जाता है कि सुरक्षाबल माओवादियों की पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी के बटालियन कमांडर हिड़मा को तर्रेम के आसपास के जंगलों में खोजने निकले थे। वापसी के दौरान सुरक्षा बल के ऊपर हमला कर दिया गया। सशस्त्र नक्सलियों ने संयुक्त सुरक्षा बलों सीआरपीएफ, कोबरा, डीआरजी और राज्य पुलिस पर बैरल ग्रेनेड लांचर (बीजीएल) और स्वचालित हथियारों की गोलीबारी करते हुए हमला किया था। जांच से यह भी पता चला कि पुलिस पार्टी और सुरक्षाकर्मियों पर यह हमला भाकपा (माओवादी) के टीसीओसी (टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन) का हिस्सा था।