School closed

मुजफ्फरनगर। जिस स्कूल में मुस्लिम छात्र की क्लास के बच्चों से पिटाई कराई गई, उसे सील कर दिया गया है। स्कूल का नाम नेहा पब्लिक स्कूल है। ये खुब्बापुर का इकलौता प्राइवेट स्कूल है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि आरोपी टीचर तृप्ता त्यागी के पास ही स्कूल का मालिकाना हक है।

इलाके के के बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने बताया है कि यह स्कूल विभाग के मानदंडों को पूरा नहीं करता है इसलिए उसे सील करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि बच्चे की पिटाई को लेकर टीचर को नोटिस भी दिया गया है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि स्कूल में कंस्ट्रक्शन का काम चला रहा था और टीचर अपने घर पर बच्चों को पढ़ा रही थीं। वायरल वीडियो भी वहीं का है। वहां बच्चों के लिए लाइट-पंखे की कोई सुविधा नहीं है। 1 से 5वीं क्लास तक के लिए कोई सेक्शन नहीं था इसलिए वर्तमान में स्कूल सील कर दिया गया है।

BACHCHE KO PITWAYA

बोर्ड को मान्यता रद्द करने लिखा विभाग ने

रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल की यूपी शिक्षा बोर्ड से मान्यता रद्द करने के लिए भी नोटिस भेजा गया है। सभी 50 छात्रों को एक हफ्ते के अंदर गांव के किसी सरकारी स्कूल या जिले के अन्य स्कूलों में शिफ्ट किए जाने की बात भी सामने आई है। पीड़ित लड़के के परिवार ने पहले ही उसे स्कूल से निकाल लिया था।

निर्माणाधीन इमारत में चल रहा था स्कूल

बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने कहा, “हमने स्कूल को इसे सील करने के लिए नोटिस जारी किया है और अधिकारी आगे की कार्रवाई के लिए जांच कर रहे हैं। बच्चे को पीटने के लिए शिक्षक को नोटिस भी दिया गया है।” एक अन्य अधिकारी ने नाम बताने से इनकार करते हुए कहा, “यह एक निर्माणाधीन इमारत है और शिक्षिका अपने घर पर छात्रों को पढ़ाती थीं। बच्चों के लिए न तो पंखे थे और न ही लाइटें। कक्षा 1 से 5 तक के लिए कोई सेक्शन नहीं था। हमने इसे अभी के लिए सील कर दिया है।”

बता दें कि खुब्बापुर गांव में लगभग 375 परिवार हैं और केवल दो स्कूल हैं। कक्षा 1 से 5 तक का एक सरकारी स्कूल और दूसरा नेहा पब्लिक स्कूल। यह साल 2019 में पंजीकृत हुआ था।

समझौते का प्रयास हुआ विफल

इस मामले में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने पीड़ित बच्चे को एक अन्य बच्चे से गले मिलवाकर पूरे मामले में एक बार फिर से समझौते की कोशिश की थी, लेकिन बच्चे के पिता इरशाद और दादा हाकम अली ने इस समझौते को दरकिनार करते हुए कहा कि उन्होंने केवल गांव समाज में आपसी भाईचारे को लेकर समझौता किया था, बच्चे की पिटाई के मामले में कोई फैसला नहीं किया। पीड़ित परिवार का कहना है कि वो चाहते हैं कि इस मामले में न्यायसंगत कार्रवाई हो। इसी बीच बच्चे को मेरठ में रिश्तेदार के घर भेज दिया गया है।

कडिप्रेशन का शिकार हुआ बच्चा

इरशाद ने कहा, “मेरा बच्चा बहुत डरा हुआ है। वो डिप्रेशन का शिकार हो गया है। तीन दिन से वो मेरे साथ बैठ-बैठकर रात गुज़ार रहा है। मेरी भी आंख नहीं लग रही है। पूरा परिवार परेशान है। बच्चे को एक रिश्तेदार के पास मेरठ भेजा गया है, ताकि उसे डॉक्टर को दिखाया जा सके।” इरशाद के पिता हाकम अली दबाव और धमकी दिए जाने का आरोप लगाते हुए कहते हैं, “हम पर दबाव डाला गया, लेकिन मैंने कहा कि दबाव में नहीं आएंगे।

बच्चे को बच्चों से पिटवाया..

आरोपी टीचर तृप्ता पर धर्म के आधार पर भेदभाव करने और बच्चों से एक मुस्लिम बच्चे को थप्पड़ मरवाने का आरोप है। घटना 24 अगस्त की है। 60 साल की तृप्ता त्यागी ने कथित तौर पर मुस्लिम बच्चों के बारे में अपमानजनक बातें कहीं और बाकी छात्रों से एक मुस्लिम छात्र को पिटवाया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। मामले पर तृप्ता ने सफाई में कहा कि वो विकलांग हैं इसलिए बच्चों से पिटाई करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि वीडियो को काट-छांटकर अपलोड किया गया है।

अब तक ये हुई कार्रवाई

टीचर के खिलाफ IPC की धारा 323 (चोट पहुंचाना) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी ने बताया कि धाराएं जमानती हैं। इस वजह से उन्हें अरेस्ट नहीं किया गया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने मामले में RTE एक्ट, 2009 की धारा-17 (बच्चे को शारीरिक दंड/मानसिक उत्पीड़न) के तहत मामले में कार्रवाई शुरू करने का भी निर्देश दिया है।

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