रायपुर। केंद्रीय उर्जा मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार बिजली बिल में वेरियेबल कॉस्ट एडजेस्टमेंट (वीसीए) शुल्क के स्थान पर अब ईंधन एवं विद्युत क्रय समायोजन अधिभार (एफपीपीएएस) अधिरोपित किया जा रहा है। बीते महीने पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी व्दारा बिजली लागत में 40 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा हुआ है।
सरकार की हाफ बिजली योजना का मिलता है फायदा
इससे जुलाई महीने की खपत पर उपभोक्ताओं को 14.23 प्रतिशत ईंधन एवं विद्युत क्रय समायोजन अधिभार लगेगा। यानी उपभोक्ताओं से 400 यूनिट खपत पर 15 से 18 पैसे तक प्रति यूनिट का अभिभार लिया जाएगा। परन्तु राज्य शासन के हाफ बिजली बिल योजना का लाभ मिलने से घरेलू उपभोक्ताओं पर इसका आधा अर्थात् सात से नौ पैसे प्रति यूनिट का भार आएगा।
इस तरह बिजली बिल की हो रही है गणना
पूर्व में राज्य विद्युत नियामक आयोग के अनुसार बिजली क्रय की निर्धारित दर तथा वास्तविक क्रय की दर के अंतर का समायोजन वीसीए के माध्यम की जाती थी। परन्तु केंद्रीय विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार व्दारा 29 दिसंबर 2022 को अधिसूचित विद्युत (संशोधन) नियम 2022 के अनुसार आयोग ने निर्धारित फार्मूले के अनुसार टैरिफ आदेश में ईंधन एवं विद्युत क्रय समायोजन अधिभार लेने के निर्देश दिए हैं। अब आयोग व्दारा निर्धारित विद्युत क्रय दर एवं पारेषण दर से वास्तविक विद्युत क्रय दर एवं पारेषण दर में अन्तर की राशि को एफपीपीएएस के माध्यम से सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं पर उनके द्वारा खपत की गई विद्युत के उर्जा प्रभार पर प्रतिशत अनुसार किये जाने की व्यवस्था की गई है।
ज्यादा यूनिट की खपत पर ज्यादा बिल
मई में ईंधन एवं विद्युत क्रय समायोजन अधिभार 10.29 प्रतिशत की दर से ली गई थी, जो जून में 14.23 प्रतिशत हो गई है। अतः जुलाई में की गई बिजली खपत में ईंधन एवं विद्युत क्रय समायोजन अधिभार 38 पैसे के स्थान पर 53 पैसे प्रति यूनिट अधिरोपित किया जाएगा। इस तरह 100 एवं 200 यूनिट खपत पर 15 पैसे प्रति यूनिट, 300 यूनिट पर 17 पैसे और 400 यूनिट पर 18 पैसे प्रति यूनिट की दर बिल में वृद्धि संभावित है। इसमें राज्य सरकार व्दारा 50 प्रतिशत की छूट प्रदान करने पर सात से नौ पैसे प्रति यूनिट का ही भार पड़ेगा। 500 से एक हजार यूनिट तक खपत करने वाले उपभोक्ताओं के बिल में 19 से 25 पैसे प्रति यूनिट की दर से ईंधन एवं विद्युत क्रय समायोजन अधिभार लिया जाएगा।