नई दिल्ली। सरकार ने सिम कार्ड डीलरों का पुलिस वेरिफिकेशन कराने का आदेश दिया है। सिम कार्ड फ्रॉड की घटनाओं को रोकने में इससे मदद मिलेगी। जिन डीलरों से आप सिम कार्ड खरीद रहे हैं, उनका पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा। जबकि फर्जी डीलरों को सिम कार्ड नहीं बेचने दिया जाएगा।

इसकी घोषणा करते हुए दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अब सिम कार्ड डीलरों के लिए पुलिस सत्यापन अनिवार्य किया जा रहा है और उनके लिए बायोमेट्रिक सत्यापन भी होगा। मंत्री ने कहा कि बिक्री स्थल पर डीलरों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे सिम कार्ड बेचने वाले डीलर किसी भी तरह की धोखाधड़ी के लिए जवाबदेह होंगे।

बल्क सिम खरीद-बिक्री बंद

एक अन्य बड़े कदम में सरकार सिम कार्ड की थोक खरीद बंद कर देगी। मंत्री ने बताया कि इन दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। वैष्णव ने कहा कि कई बल्क कनेक्शनों के विस्तृत अध्ययन के बाद, बल्क कनेक्शन प्रणाली को खत्म करने का निर्णय लिया गया। वैष्णव ने कहा, “मोबाइल सिम कार्ड के नए डीलरों के लिए पुलिस सत्यापन और बायोमेट्रिक सत्यापन से गुजरना अनिवार्य होगा। अब सभी पॉइंट-ऑफ-सेल डीलरों के लिए भी पंजीकरण अनिवार्य होगा।”

पासपोर्ट बनने से पहले उसका पुलिस वेरिफिकेशन होता है, जिससे कोई फर्जी या क्रिमिनल व्यक्ति पासपोर्ट न बनवा सके। ऐसे ही अब सिम कार्ड से होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए सिम कार्ड का पुलिस वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। लेकिन यह सिम कार्ड पुलिस वेरिफिकेशन व्यक्तिगत तौर पर नहीं बल्कि डीलर के स्तर पर होगा। मतलब जिस डीलर से आप सिम कार्ड खरीद रहे हैं, तो उस डीलर का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा।

52 लाख मोबाइल कनेक्शन कटे, FIR भी

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साफ कर दिया कि सरकार ने सिम कार्ड डीलरों का पुलिस वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य कर दिया है। इससे कोई फर्जी डीलर सिम कार्ड नहीं बेच पाएगा। ऐसे में सिम कार्ड फ्रॉड की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। सरकार की तरफ से बताया गया कि उसकी तरह से गाइडलाइन न फॉलो करने वालों के 52 लाख मोबाइल कनेक्शन काट दिये गए हैं। जबकि 67,000 डीलरों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। मई 2023 से सिम कार्ड डीलरों के खिलाफ 300 एफआईआर दर्ज की गई हैं।

10 लाख लगेगा जुर्माना

अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही उनके खिलाफ एफआईआर का प्रावधान किया गया है। ऐसे में उन्हें जेल तक जाना पड़ सकता है। सरकार की ओर से 10 लाख सिम डीलर्स को पुलिस वेरिफिकेशन का पर्याप्त समय दिया गया है। दूरसंचार विभाग की ओर से थोक कनेक्शन देने की प्रक्रिया को बंद कर दिया गया है। इसकी जगह पर कॉरपोरेट कनेक्शन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके अलावा कॉरपोरेट KYC की व्यवस्था शुरू की गई है।

एक आधार कार्ड पर 658 सिम कार्ड इश्यु

दरअसल देश में हर दिन सिम कार्ड स्कैम का फंडाफोड़ हो रहा है। हाल ही में पुलिस ने एक ऐसे फ्रॉड का भंडाफोड़ किया जिसमें आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल हो रहा था। पुलिस के मुताबिक एक ही आधार कार्ड पर 658 सिम कार्ड जारी किए गए थे और ये सभी सिम कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा था।

तमिलनाडु की साइबर क्राइम विंग ने इसी सप्ताह एक व्यक्ति के पास से एक ही आधार नंबर पर 100-150 सिम कार्ड बरामद की है। पिछले चार महीनों में तमिलनाडु की साइबर क्राइम विंग ने धोखाधड़ी गतिविधियों के संदेह में पूरे तमिलनाडु में 25,135 सिम कार्ड ब्लॉक किए हैं।

विजयवाड़ा में एक अन्य मामले में एक ही फोटो पहचान के साथ 658 सिम कार्ड जारी किए गए थे। सभी सिम कार्ड पोलुकोंडा नवीन के नाम पर पंजीकृत थे, जो मोबाइल दुकानों और अन्य कियोस्क पर सिम वितरित करता है जहां कोई भी सिम कार्ड खरीद सकता है। पुलिस ने सभी सिम को ब्लॉक करने के लिए संबंधित टेलीकॉम कंपनी को आदेश दिया है

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