श्योपुर। कूनो नेशनल पार्क में रह रहे चीतों की लगातार हो रही मौतों ने सभी को चिंता में डाल दिया है। मौतों की वजह जानने के लिए सघन जांच के अलावा जीवित बचे चीतों का परिक्षण शुरू किया गया तो तीन चीतों की गर्दन में हुए घाव में कीड़े पड़ने की बात सामने आई है। यहां बीते चार महीने में पांच वयस्क और तीन शावक दम तोड़ चुके हैं।
कॉलर आई से घाव होने की आशंका
मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से एक बार फिर चिंताजनक खबर सामने आई है। कूनो में रह रहे तीन चीतों ओबान, फ्रेंडी और एल्टन की गर्दन में कीड़े पाए जाने की बात सामने आ रही है। चीतों को लगाई गई कॉलर आई से घाव होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। जानकारी के अनुसार कूनो नेशनल पार्क के तीन चीतों में संक्रमण पाया गया है। चीते ओबान का कॉलर ID हटाने पर एक गहरा घाव मिला है, जिसमें कीड़े लगे हुए हैं। वहीं, अब एल्टन और फ्रेडी को ट्रेकुलाइज किया गया है।
साउथ अफ्रीका से आ रहे हैं विशेषज्ञ
कूनो डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा का कहना है कि जंगल में घूम रहे कुल 10 चीतों की जांच की जा रही है। इसको लेकर डॉक्टरों की टीम लगातार इनकी जांच कर रही है। वहीं, साउथ अफ्रीका के विशेषज्ञ भी आज कूनो अभ्यारण पहुंच रहे हैं, उसके बाद सभी चीतों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। बताया जा रहा है कि दो अन्य चीतों अग्नि और वायु में एक के पैर में फैक्चर और एक की छाती में चोट पाई गई है। लगातार हो रही चीतों की मौत के बाद एक बार फिर सभी चीतों को बाड़े में वापस रख लिया गया है। फिलहाल सिर्फ एक चीता निर्भय सेसईपुरा क्षेत्र में भ्रमण कर रहा है। बाकी सभी चीतों को बाड़े में बंद कर दिया गया है। कूनो में बीते एक सप्ताह में दो चीतों की मौत हो गई है।
चीता सूरज की मौत गले में घाव के चलते
बता दें, कूनो नेशनल पार्क में शुक्रवार को एक मेल चीते सूरज की मौत हो गई थी। जांच रिपोर्ट में चीते सूरज के गले में घाव और घाव में कीड़े होने की बात सामने आई थी। हालांकि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने उन मीडिया रिपोर्ट को खारिज किया था, जिसमें चीतों की मौत के लिए रेडियो कॉलर को जिम्मेदार बताया गया था। जीपीएस आधारित रेडियो कॉलर को चीतों के गले में बांधा गया है, ताकि उनकी स्थिति पर नजर रखी जा सके। वहीं, चीता लाने की परियोजना से जुड़े एक विशेषज्ञ ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका से लाए गए एक नर चीता की मौत रेडियो कॉलर से हुए संक्रमण के चलते हुई थी। सूरज से पहले पिछले मंगलवार को नर चीता तेजस की मृत्यु हुई थी। लगातार चीतों की मौत से सरकार और वन विभाग चितिंत है।
चीतों को दूसरी जगह नहीं किया जायेगा शिफ्ट
कूनो नेशनल पार्क में पिछले चार महीने में आठ चीतों की मौत हो चुकी है। इसमें पांच चीते और तीन शावक शामिल हैं। अब कूनो नेशनल पार्क में 15 चीते और एक शावक बचा है। इससे पहले केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने चीते की मौत पर कहा था कि इंटरनेशनल विशेषज्ञों की टीम कूनो में जांच करेंगी। चीतों को कूनो से दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया जाएगा।