बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच के एक आदेश को पलटते हुए एक सरकारी कर्मचारी को राहत दे दी और कहा कि अनाधिकृत रूप से लंबी गैर हाजिरी के बावजूद सेवा से उसे एकतरफा बर्खास्त नहीं किया जा सकता, इसके लिए विभागीय जांच की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
सिंगल बेंच ने खारिज कर दी थी याचिका
मत्स्य विभाग में सहायक ग्रेड 3 के पद पर कृष्ण कुमार कोसरिया को 14 जनवरी 1982 नियुक्ति मिली थी। अगस्त 1993 से फरवरी 2007 के बीच कुल 13 साल तक अवकाश लिए बिना छुट्टी पर थे। बीच-बीच में ड्यूटी ज्वाइन की। अगस्त 2005 में उनको गैर हाजिरी के चलते कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। कर्मचारी ने चिकित्सा प्रमाण पत्र सहित इसका जवाब प्रस्तुत किया था। जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने के आधार पर उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्तगी के खिलाफ उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। सिंगल बेंच ने पाया कि अपने 14 वर्षों के सेवाकाल में 1993 से 2007 तक उसने बार-बार बिना स्वीकृति के अवकाश लिया, जो कार्य के प्रति निष्ठा और लापरवाही है। कर्मचारी की याचिका बेंच ने खारिज कर दी।
सेवानिवृत्त हो चुका है कर्मचारी
इस पर कर्मचारी ने डबल बेंच में अपील की। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस संजय अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय का हवाला देते हुए सिंगल बेंच के आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि किसी सरकारी कर्मचारी को बिना विभागीय जांच के बर्खास्त नहीं किया जा सकता, चाहे वह लंबी अवधि तक बिना अनुमति अवकाश पर ही क्यों न हो। कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुका है, इसलिए उसकी सेवा में बहाली नहीं होगी न ही पिछला बकाया वेतन मिलेगा, पर सेवानिवृत्ति पर मिलने वाले अन्य लाभ लेने की पात्रता रहेगी।