रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुई पुलिस आरक्षक भर्ती के घोषित नतीजों में भारी गड़बड़ियां सामने आई हैं। चयन प्रक्रिया में असफल सैकड़ों अभ्यर्थी बिलासपुर हाईकोर्ट पहुंचकर याचिका दायर करने में जुट गए हैं। इन अभ्यार्थियों का आरोप है कि घोषित नतीजों में कई खामियां उजागर हुई है।
भर्ती को लेकर उम्मीदवारों का कहना है कि एक ही कैटेगिरी में कम अंक पाने वालों का चयन हुआ है और उसी कैटेगिरी में ज्यादा प्राप्तांक वालों का नहीं। ऐसे मामले कई जिलों में हैं। अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि एक ही जिले में कई अभ्यर्थियों का नाम सामान्य वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग की भी प्रतीक्षा सूची में शामिल किया गया है। ऐसी ही कई अनियमितताओं को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की जा रही है। वे इस मामले की हाईकोर्ट से जांच होने तक नियुक्ति आदेश जारी न करने की मांग कर रहे हैं।
पीसीसी अध्यक्ष बैज ने साधा निशाना
इस मामले को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने आरोप लगाया कि इस भर्ती में घोटाला हुआ है, इस बात को कांग्रेस पार्टी और अभ्यर्थी लगातार उठाते रहे हैं। अभी जब परिणाम घोषित हुए हैं, उसके बाद घोटाले के पुख्ता सबूत सामने आ रहे हैं। एक ही क्रमांक के 33 अभ्यर्थियों के आवेदन सामने आए हैं, वे सभी चयनित किये गये हैं। एक अभ्यर्थी को लिखित परीक्षा में 39 नंबर मिला है उसका उसका चयन हो गया है। शारीरिक परीक्षा का पूर्णांक 100 नंबर का है, यदि उसे शारीरिक परीक्षा में 100 में 100 मिला होगा तो भी उसका कुल अंक 139 ही होगा, जबकि 143 नंबर वाले का चयन नहीं हुआ।
कांग्रेस ने पूछे सवाल
बैज ने पूछा कि लिखित परीक्षा का नंबर सार्वजनिक हो सकता है तो शारीरिक परीक्षा का नंबर क्यों नहीं जारी हुआ? दोनों मिलाकर प्राप्तांक क्यों नहीं जारी किया गया? सरकार भर्ती परीक्षा में घोटाले कर युवाओं के सपने बेच रही है। पुलिस आरक्षक ही नहीं फॉरेस्ट आरक्षक, आरआई परीक्षा सहित अनेकों परीक्षाओं में भाजपा सरकार ने घपले करवाए हैं।

