सुकमा। जगरगुंडा क्षेत्र के चिमलीपेंटा में एक युवक की तबीयत खराब होने पर समय पर एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हो सका। परिजनों ने बताया कि इलाज के लिए ले जाते समय युवक की मृत्यु हो गई, जिसके बाद शव ले जाने के लिए भी एम्बुलेंस नहीं मिल पाया। जिसके कारण 6 किमी दूर गांव खाट पर शव लेकर गए।

परिजनों के मुताबिक, बारसे रामेश्वरम को हाथ-पैर में सूजन और पेट दर्द की शिकायत थी। पहले उसका इलाज चिमलीपेंटा गांव से 6 किमी दूरजगरगुंडा अस्पताल में कराया गया था। बाद में घर पर अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने एम्बुलेंस के लिए संपर्क किया, मगर कई बार फोन करने के बावजूद एम्बुलेंस नहीं पहुंचा। इसके बाद वे युवक को दुपहिया वाहन से अस्पताल ले जाने निकले, लेकिन रास्ते में ही उसकी मृत्यु हो गई।

परिजनों ने बताया कि मृत्यु के बाद शव को ले जाने के लिए फिर से एम्बुलेंस की मांग की गई, लेकिन उन्हें अवकाश का हवाला देकर एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराया गया। इसके बाद परिजन खाट पर शव को घर ले गए।

इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आपात स्थिति में एम्बुलेंस नहीं मिलने से उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

गौरतलब है कि सरकार ने 108 एम्बुलेंस सेवा के तहत सभी जिलों में मरीजों को लाने की सुविधा दे रखी है। इसके अलावा मरीज के शव को घर तक पहुंचाने के लिए भी मुक्तांजलि सेवा चल रही है। मगर ऐसी सुविधा का क्या औचित्य जिसमें जरुरत के वक्त वाहन उपलब्ध न हो। बहरहाल कलेक्टर देवेश ध्रुव ने मामले की जांच कराने की बात कही है।

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