गुरदासपुर। पंजाब में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही विजिलेंस की सख्त मुहिम के बीच एक बड़ा खुलासा सामने आया है। बटाला नगर निगम के कमिश्नर-कम-एसडीएम विक्रमजीत सिंह पांथे को विजिलेंस ब्यूरो ने 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यही नहीं आरोपी अधिकारी के पास से 13.5 लाख रुपये की अतिरिक्त नकदी भी बरामद हुई है, जिसका वह कोई संतोषजनक हिसाब नहीं दे सका।

10% के हिसाब से की थी 5.54 लाख की डिमांड

यह कार्रवाई गुरदासपुर यूनिट की एक योजनाबद्ध ऑपरेशन का हिस्सा थी, जिसे एक स्थानीय शिकायतकर्ता की जानकारी पर अंजाम दिया गया. शिकायतकर्ता बटाला का ही निवासी है और उसने नगर निगम में पैच वर्क और सड़क मरम्मत का काम किया था। उसके 1,87,483 रुपये और 1,85,369 रुपये के दो बिल थे, जो कुल मिलाकर 3,72,852 रुपये बनते थे। जब वह भुगतान के लिए नगर निगम कमिश्नर से मिला तो कमिश्नर ने 10 प्रतिशत कमीशन रिश्वत की मांग कर दी। शिकायतकर्ता ने एक लाइट एंड साउंड शो के लिए कैमरा और अन्य तकनीकी काम भी किए थे जिसके 1,81,543 रुपये और बकाया थे। इस तरह कुल बकाया राशि लगभग 5.54 लाख रुपये होती थी.

‘कमिश्‍नर साहब का आदेश है’

इन बिलों की अदायगी के लिए जब शिकायतकर्ता एसडीओ रोहित उप्पल के पास पहुंचा तो उप्पल ने भी साफ कहा कि कमिश्नर के आदेशों का पालन करना होगा और बकाया जारी करने के लिए 9 प्रतिशत कमीशन देना पड़ेगा, लेकिन शिकायतकर्ता ने रिश्वत देकर अपना काम करवाने से इनकार कर दिया और सीधे विजिलेंस ब्यूरो का दरवाजा खटखटाया। विजिलेंस ने शिकायत का सत्यापन किया और दो सरकारी गवाहों की मौजूदगी में एक जाल बिछाया। तय समय पर जब शिकायतकर्ता ने कमिश्नर विक्रमजीत सिंह पांथे को 50,000 रुपये दिए तो विजिलेंस टीम ने मौके पर ही उसे रिश्वत लेते दबोच लिया। गिरफ्तारी के बाद हुई तलाशी में 13.5 लाख रुपये की नकदी मिलने से मामला और गंभीर हो गया।

अमृतसर रेंज के सतर्कता ब्यूरो थाने में आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। सतर्कता ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी को रविवार को अदालत में पेश किया जाएगा और आगे की जांच जारी है।

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