रायपुर। राज्य में हाफ बिजली बिल योजना का दायरा बढ़ाते हुए एक दिसंबर को नए तरीके से लागू करने की तैयारी हैं। चार महीने से 100 यूनिट बिजली पर ही हाफ बिजली बिल का लाभ मिल रहा था। अब 200 यूनिट तक बिजली खर्च करने पर आधा बिल मिलेगा।
नई स्कीम में जहां उपभोक्ताओं को राहत की उम्मीदें तो जागी है तो दूसरी ओर कई सवाल भी खड़े हुए हैं। खास तौर पर उन उपभोक्ताओं के लिए जिनकी खपत 200 यूनिट के आसपास रहती हैं। इसके लिए सरकार की घोषणा राहत कम और उलझन ज्यादा पैदा कर रही हैं।
200 से ज्यादा यूनिट खपत पर क्या होगा..?
दरअसल, पिछली सरकार की योजना में 400 मिनट तक बिजली आधा बिल मिलता था जबकि नई योजना में एक यूनिट भी अधिक होने पर पूरा बिल लग जाएगा। उदाहरण के लिए किसी का बिल 210 यूनिट आया तो उसे छूट नहीं मिलेगी जबकि 200 यूनिट वालों को आधा बल मिलेगा। घर में एक-दो दिन ज्यादा एसी या हीटर चला लेने पर कई उपभोक्ता योजना की स्कीम से बाहर हो सकते हैं। यही वजह है कि लोग इस बात से भी आशंकित है कि एक भी यूनिट ज्यादा बिजली खर्च होने पर भी योजना के लाभ से वंचित हो सकते हैं।
बिजली विभाग के के एक अफसर का कहना है की घोषणा हो गई हैं कि बिजली कंपनी को अब तक आधिकारिक दिशा निर्देश नहीं मिले हैं। आदेश निर्देश मिलने के बाद ही बिलिंग में बदलाव होगा।
सीमा बढ़ाने से हर माह 435 तक सीधा फायदा
अगर कोई परिवार हर महीने 200 यूनिट बिजली खर्च करता है तो उसका औसत बिल अभी लगभग 840 से 740 तक के बीच आता हैं। इसमें पहले 100 यूनिट का रेट 4.10 रुपए प्रति यूनिट और अगले 100 यूनिट का रेट 4.20 रुपए प्रति यूनिट हैं। अब नहीं योजना के तहत सरकार 200 यूनिट तक हाफ बिजली स्कीम लागू कर रही हैं। यानी उपभोक्ता को सिर्फ आधा भुगतान करना होगा। पहले 100 यूनिट का बिल 410 से 450 रुपए तक होता है जो अब आधा होकर 205 से 225 के बीच रहा रह जाएगा। दूसरे 100 यूनिट 100, 200 के लिए बिल 840 से 870 रुपए तक आता है जो अब समान रहेगा। यह 200 यूनिट की सीमा में ही हैं। कुल मिलाकर 200 यूनिट पर उपभोक्ता को लगभग 420 से 435 की सीधी राहत मिलेगी। यानी जो उपभोक्ता पहले 1250-1300 रुपए तक का बिल देते थे अब उन्हें सिर्फ 800 से 850 रुपए ही चुकाने पड़ेंगे।
गौरतलब है कि इसी साल अगस्त में राज्य सरकार ने हाफ बिजली बिल योजना की लिमिट 400 से घटा कर 100 कर दी थी। यह बदलाव अचानक हुआ इसका ज्यादा असर मध्यवर्गीय और निम्नवर्गीय परिवारों पर पड़ा। कई उपभोक्ताओं के मुताबिक अगस्त के बाद उनका बिजली बिल लगभग दुगना हो गया था। अब फिर से राहत की घोषणा हुई हैं लेकिन इस बार सीमा 200 यूनिट तक की गई हैं। एक वर्ग खुश है क्योंकि आमतौर पर उसका बिजली खर्च 200 यूनिट से कम होता हैं। जबकि दूसरा वर्ग चिंतित है क्योंकि उसका बिल हर महीने 220-250 या 300 यूनिट के आसपास तक पहुंच जाता हैं। इन लोगों के लिए राहत की खबर भी टेंशन जैसी हो गई है।
गौरतलब है कि भूपेश बघेल सरकार की 2019 की योजना में 400 यूनिट तक आधा बल मिलता था। 400 यूनिट से ज्यादा होने पर भी शुरुआती 400 यूनिट पर छूट लागू रहती थी। उस व्यवस्था में ज्यादातर परिवार योजना के दायरे में आ जाते थे। नई व्यवस्था बीच का रास्ता है न ज्यादा उदार और न ही पूरी तरह सख्त। इस बीच लोगों को जनवरी में आने वाले बिल का इंतजार रहेगा।
