रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने वह गोपनीय सरकारी पत्र सार्वजनिक किया है, जिसमें 25 नवंबर 2025 को छत्तीसगढ़ सरकार ने 1742.6 हेक्टेयर वनभूमि कोयला खदान के लिए सौंपने की सिफारिश की है। यह जमीन राजस्थान राज्य विद्युत् उत्पादन निगम लिमिटेड RVUNL और उसके एकमात्र MDO अडानी को कोल माइंस व वाशरी प्रोजेक्ट के लिए दी जानी है।
अमित जोगी ने कहा है कि “यह सिर्फ जमीन नहीं—सरगुजा के आदिवासियों की पहचान और धरोहर है। अजीत जोगी सरकार ने इसे लेमरू हाथी रिज़र्व के लिए सुरक्षित रखा था, मगर भाजपा सरकार इसे बेचने पर तुली हुई है।” उन्होंने आरोप लगाया, “अडानी द्वारा निकाला गया 95% से ज्यादा कोयला राजस्थान प्लांट को न जाकर काले बाजार में पहुंच रहा है। यह छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी कोयला लूट है।”
भाजपा सरकार पर हमला करते हुए जोगी ने कहा, “यह पत्र साबित करता है कि सरकार अडानी के दबाव में काम कर रही है। छत्तीसगढ़ के संसाधन बेचने की नीति नहीं चलेगी।”
अमित जोगी ने तीन सवाल उठाए हैं : 
•“क्या सरगुजा के लोग गुलाम हैं?”
•“क्या हमारा जंगल किसी कंपनी की जागीर है?”
•“क्या चुनाव का खर्च निकालने जल-जंगल-जमीन बेची जा रही है?”
अमित जोगी ने X पर यह पत्र वायरल करते हुए चेतावनी दी है कि “यह फैसला वापस लेना ही होगा। सरगुजा की जमीन कोई नहीं बेच सकता। जरूरत पड़ी तो आंदोलन और उग्र होगा। रायपुर की सत्ता भी इसकी आँच महसूस करेगी।”
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