0 ग्राम बिरकोनी के 5 और बड़गांव के एक रेत का भण्डारण पर हुई कार्यवाही

0 रेत को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सरकार को घेरा

महासमुंद। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के निर्देश पर जिले में रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन और भण्डारण पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में ग्राम बिरकोनी के 5 और बड़गांव के एक रेत भण्डारण की अनुमति को निरस्त किया गया है।

 

खनिज अधिकारी देवेंद्र साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ खनिज (खनन, परिवहन तथा भण्डारण) नियम का उल्लंघन पाये जाने पर ग्राम बिरकोनी में सौरभ चन्द्राकर के नाम पर रेत भण्डारण हेतु स्वीकृत क्षमता 10000 टन के अनुज्ञा को निरस्त कर दिया गया है। इसी तरह दामोदर चन्द्राकर को क्षमता 10000 टन, प्रकाश चन्द्राकर को क्षमता 10000 टन, ग्राम बरबसपुर में श्रीमती भुनेश्वरी निषाद को क्षमता 10000 टन, अमित चन्द्राकर को क्षमता 4000 टन एवं ग्राम बड़गांव में विनोद अग्रवाल के पक्ष में क्षमता 10000 टन हेतु स्वीकृत खनिज साधारण रेत के कुल 06 अस्थाई भण्डारण अनुज्ञा को निरस्त किया गया है।

 

रेत के मुद्दे पर सरकार को घेरने महासमुंद पहुंचे पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज

उधर प्रदेश में रेत को लेकर हुए गोलीकांड, चाकूबाजी, मारपीट के मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज ने राजनांदगांव, धमतरी के बाद आज महासमुंद जिले के बरबसपुर रेत घाट पर भण्डारित अवैध रेत का अवलोकन किया।

 

‘ऐसा लग रहा, हम राजस्थान में हैं’

इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने वर्तमान सरकार पर गंभीर आरोप लगाये। दीपक बैज ने कहा कि पूरे प्रदेश में अवैध रेत उत्खनन चल रहा है। रेत माफिया हावी है किसके संरक्षण में हैं। बरसबपुर मे 50 से 100 एकड़ में अवैध रेत भण्डारण है, पर प्रशासन सोया हुआ है। हमें लग रहा है कि हम लोग छत्तीसगढ़ में नही है, हम लोग राजस्थान में है । यहां पूरा रेत का पहाड़ बना हुआ है । सरकार है कि जंगल राज है। इसमें सरकार के साथ प्रशासन भी मिला हुआ है।

 

मीडिया से चर्चा करते हुवे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले को लेकर कांग्रेस गंभीर है और आने वाले विधानसभा में इस मुद्दे को सदन के पटल पर रखेगी। गौरतलब है कि बरबसपुर मे तीन लोगो को रेत भण्डारण के लिए अनुज्ञा दी गयी थी, जो 08 हजार टन घन मीटर रेत भण्डारण कर सकते थे, पर रेत माफियाओं ने लगभग 62 हजार टन घन मीटर रेत का भण्डारण कर रखा है ।

खनिज विभाग दो दिन पहले बरबसपुर में 43 निजी भूमि स्वामी एवं 14 शासकीय भूमि पर अवैध रुप से भण्डारित रेत पर कार्यवाही करते हुवे 2 करोड़ 18 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है और रेत भण्डारण के लिए दिये अनुज्ञा को समाप्त कर दिया है। खनिज विभाग के सहायक खनिज अधिकारी का कहना है कि रेत को रेत माफिया उठा न सके इसलिए गस्त की जा रही है और आने वाले एक-दो दिन में अस्थायी चौकी बनाई जायेगी।

बहरहाल सवाल ये है कि इतने बड़े पैमाने पर रेत माफिया महानदी का सीना चीर कर हजारो टन घन मीटर रेत का अवैध भंडारण कर लेते है और खनिज अमले को पता तक नही चलता है। महासमुंद जिले में ये एक जगह के रेत भण्डारण का हाल है , प्रशासन ने 17 जगहो पर रेत भण्डारण की अनुमति दी है, वहां की क्या स्थिति होगी, ये तो जांच के बाद ही पता चल पायेगा ।

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