दुर्ग। जिला सहाकारी केंद्रीय बैंक के प्रबंधक और अन्य स्टाफ पर करोड़ों रूपये के गबन का मामला उजागर हुआ है। यह मामला सहकारी केंद्रीय बैंक भिलाई तीन की सेवा सहकारी समिति सोमनी का है। यहां की महिला प्रबंधक, सहायक प्रबंधक और लिपिक पर गबन का आरोप साबित हुआ है। इनके द्वारा किसानों के खाते से करीब एक करोड़ 3 लाख रूपये का आहरण कर गबन किया गया। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद से ही महिला प्रबंधन फरार हो गयी है।

पुरानी भिलाई थाने की पुलिस ने बताया कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पुरानी भिलाई के शाखा प्रबंधक सुरेंद्र सिंह भुवाल की शिकायत पर थाने में मामला दर्ज किया गया है। शिकायत में बताया गया है कि सहकारी बैंक की प्रबंधक रही नीति दीवान, सहायक प्रबंधक गजानन शिर्के और अतरिक्त कर्मचारी गोपाल वर्मा ने कूटरचना कर किसानों के खाते से करोड़ों रूपये का गबन किया गया।

शिकायत के बाद जब पुलिस ने जांच किया तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। वहीं दूसरी तरफ इस मामले के उजागर होने के बाद यहां के किसानों में काफी आक्रोश है। किसानों का कहना है कि उनके मेहनत की कमाई से एक-एक पाई जोड़कर पैसा सहकारी केंद्रीय बैंक में विश्वास के साथ जमा करते हैं। उलटे बैंक के जिम्मेदार अधिकारियों ने उनकी मेहनत की कमाई पर ही डाका डाला है। किसानों ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

तीन साल में किया करोड़ों रूपये का गबन

शिकायत के बाद जब पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच शुरू की। इस दौरान यह पता चला है कि तत्कालीन सहकारी समिति प्रभारी गजानंद शिर्के ने 29 मई 2020 से 3 मार्च 2021 के बीच 35 लाख 53 हजार 870 रुपये की वित्तीय अनियमितता की। इसके बाद समिति प्रबंधक के पद पर नियुक्त नीति दीवान ने 1 जून 2022 से 5 अक्टूबर 2023 के बीच 40 लाख 16 हजार 775 रुपये की आर्थिक गड़बड़ी की।

इसके अतिरिक्त सहायक लिपिक गोपाल वर्मा ने 5 किसानों के खातों से 3 लाख 3 हजार 618 रुपये का गबन किया है।

इस तरह करते थे गड़बड़ी

जांच में यह भी खुलासा हुआ कि किसानों द्वारा पैसा जमा करने के बाद बैंक के उनके पासबुक में पैसों की एंट्री की जाती थी, लेकिन लेजर में एंट्री नहीं की जाती थी। वहीं जांच में ये भी खुलासा हुआ कि आरोपियों ने मिली भगत करके कुछ किसानों के फिक्स डिपाजिट को भी तोड़कर उस रकम का गबन कर लिया।

खाद बीज और धान खरीदी के नाम पर की गड़बड़ी

तीनों कर्मचारियों ने किसानों के खाते से खाद, बीज और धान खरीदी के नाम पर नगद आहरण दिखाया। इसके साथ ही किसान जो पैसा जमा करते थे उनकी एंट्री भी लेजर में नहीं करते थे। किसानों की पासबुक में एंट्री करके उन्हें दे दिया जाता था।

सहायक प्रबंधक और लिपिक अरेस्ट

इस पूरे मामले में किसानों के खाते में डाका डालने वाले प्रबंधक, सहायक प्रबंधक सहित लिपिक के खिलाफ पुलिस ने अपराध दर्ज किया है। जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में सहायक प्रबंधक गजानन शिर्के और लिपिक गोपाल वर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं पुलिस के इस एक्शन के दौरान शाखा प्रबंधक नीति दीवान फरार हो गयी हैं। जिसकी तलाश पुलिस टीम द्वारा सरगर्मी से की जा रही है।

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