– 4 लाख के मुआवजे के लिए रचा गया सांप काटने का षड्यंत्र
बिलासपुर। सामान्य तरीके से हुई मौत को प्राकृतिक आपदा का बताकर मुआवजा हासिल करने वाले गिरोह का खुलासा हुआ है। बिलासपुर जिले के बिल्हा थाना क्षेत्र में सांप के काटने से मौत का एक मामला पूरी तरह से फर्जी और षड़यंत्रपूर्वक रचा जाना पाया गया। इस कृत्य में शामिल गिरोह का मकसद सरकार से 4 लाख रुपये का मुआवजा प्राप्त करना था। जांच में खुलासा होने के बाद पुलिस ने वकील, डॉक्टर और मृतका के परिजनों सहित पांच लोगों पर आपराधिक मामला दर्ज किया है।
SSP रजनेश सिंह ने बताया कि शिवकुमार घृतलहरे पिता परागदास उम्र 36 वर्ष साकिन पोड़ी थाना बिल्हा, जिला बिलासपुर को बाड़ी में उल्टी करने एवं मुंह से झाग निकलने एवं स्वास्थ खराब होने पर परिजनो द्वारा बिल्हा सीएचसी से चेकअप बाद रिफर किये जाने पर सिम्स मे ईलाज वास्ते भर्ती किया गया था। दिनांक 14.11.2023 को शिवकुमार की ईलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। मृतक के शव के पंचनामा एवं पोस्टमार्टम के दौरान परिजनो द्वारा बाएं पैर के उंगली में सांप काटने से फौत होना बताया गया था। पीएमकर्ता डाक्टर द्वारा शिवकुमार की मृत्यु बाया पैर के उंगली में सांप काटने का निशान पाया जाना एवं मृत्यु सांप काटने से ही होना पीएम रिपोर्ट में लेख किया गया था।
शंका होने पर पुलिस ने की जांच
पुलिस जांच दौरान पंचनामा करने वाले पुलिस अधिकारी द्वारा गवाहों के समक्ष शव निरीक्षण दौरान सांप काटने का मृतक के पैर के उंगली मे निशान नही पाया था। सिम्स में शिवकुमार का ईलाज करने वाले डॉक्टर से उसके बिमारी एवं मृत्यु के संबंध में जानकारी लेने पर शराब एवं जहर सेवन से मृत्यु होना लेख कर सांप काटने से मृत्यु होने का खण्डन किया गया है। शिवकुमार को ईलाज हेतु जहर एवं शराब सेवन से स्वास्थ बिगडने के कारण भर्ती करना पाया गया।
वकील के कहने पर रचा गया षड्यंत्र
शिवकुमार के मृत्यु के संबंध में दो अलग अलग अभिमत प्रकाश में आने पर उसके परिजनों से पुनः पुलिस द्वारा बारिकी से पूछताछ किये जाने पर यह ज्ञात हुआ कि वकील कामता प्रसाद साहू के यह कहने पर कि यदि शिवकुमार की मृत्यु सांप काटने से हुई है बताकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करवाया जाये तो शासन से चार लाख रुपये मुआवजा मिलेगा जिसकी लालच में आकर उन्होने पुलिस को सांप काटने का झूठा तथ्य बताया है।
जांच में सच आ गया बाहर
पुलिस जांच दौरान यह तथ्य संज्ञान में आने पर मामले की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय बिलासपुर, रजनेश सिंह को दी गई, तब उन्होंने मामले में गहन जांच के निर्देश दिये। जांच में पता चला कि मृतक शराब पीने का आदी था और कर्ज से परेशान था, जिसके कारण उसने स्वयं जहर सेवन कर लिया था। यह बात उसने स्वास्थ खराब होने पर स्वतः परिजनो को बताई थी, किन्तु परिजनो द्वारा पैसे की लालच मे यह तथ्य छुपा दिया गया था।
डॉक्टर ने भी दी गलत रिपोर्ट
इसी प्रकार डॉक्टर द्वारा मृतक के पैर में सांप काटने का कोई निशान नहीं होना जानते हुये एवं अज्ञात जहर व शराब सेवन से ईलाज वास्ते अस्पताल में उसके भर्ती होने के तथ्यो का अनदेखी करते हुये गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट, परिजनो को मुआवजा राशि के रुप में चार लाख रुपये दिलाकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने एवं स्वयं लाभान्वित होने के उददेश्य से षडयंत्र मे शामिल होकर तैयार किया गया है।
लालच में आकर झूठ का लिया सहारा
मामले की जांच पर आरोपी वकील कामता प्रसाद साहू, डाक्टर प्रियंका सोनी, मृतक के पिता परागदास घृतलहरे, पत्नि नीता घृतलहरे एवं भाई हेमंत घृतलहरे द्वारा यह जानते हुये कि मृतक शिवकुमार की मृत्यु शराब एवं जहर सेवन से हुई है, सांप काटने से नहीं हुई है। शासन द्वारा सांप काटने से मिलने वाले मुआवजा राशि तीन लाख रुपये षडयंत्र पूर्वक सदोष लाभ अर्जित करने की नीयत से पुलिस को झूठे तथ्य बताये गये है एवं वकील द्वारा तहसीलदार के कार्यालय में मुआवजा हेतु आवेदन दिया गया है मामले मे विवेचना कर विधिसम्मत कार्यवाही की जा रही है।
विधानसभा में उठा था फर्जीवाड़े का मामले
बता दें कि बीते विधानसभा सत्र में भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने इस तरह के फर्जीवाड़े का आरोप लगाया था। उन्होंने नागलोक कहे जाने वाले जशपुर और बिलासपुर जिले में सर्पदंश से हुई मौतों के आंकड़े की तुलना करते हुए बताया था कि जशपुर के मुकाबले बिलासपुर जिले में सर्पदंश से काफी ज्यादा मौते हुई हैं। उन्होंने मुआवजा पाने के लिए सामान्य मौतों को सर्पदंश का बताकर सरकार को आर्थिक नुकसान किये जाने का आरोप लगाया था। आखिरकार ऐसा ही एक मामला इसी जिले में पकड़ में आ गया। दरअसल इसी तरह से फर्जीवाड़े का काम लगभग पूरे प्रदेश में चल रहा है, जिसमे चंद दलालनुमा वकील गिरोह बनाकर इस तरह सामान्य होने वाली मौतों को टारगेट कर उनके परिजनों को लालच का झांसा देते हैं। वहीं इनके द्वारा डॉक्टरों को भी इस षड्यंत्र में शामिल कर लिया जाता है।
दरअसल सर्पदंश और आग जैसी घटना में मौत को प्राकृतिक आपदा से मौत माना जाता है और इसमें सरकार की ओर से 4 लाख का मुआवजा दिया जाता है। इसी बड़ी रकम की लालच में फर्जीवाड़े का यह खेल चल रहा है।
आज के मामले में ये हैं आरोपी
01. वकील कामता साहू पिता स्व. रामलाल साहू उम्र 36 वर्ष ग्राम पेण्डारी थाना सकरी जिला बिलासपुर।
02. डॉ. प्रियंका सोनी, एमबीबीएस एम. डी. फोरेंसिक मेडिसीन सिम्स बिलासपुर।
03. पराग दास घृतलहरे पिता स्व. बगलू उम्र 66 वर्ष साकिन पोडी थाना बिल्हा।
04. हेमंत कुमार घृत घृतलहरे पिता पराग दास उम्र 34 वर्ष साकिन पोडी थाना बिल्हा।
05. श्रीमति नीता घृतलहरे पति स्व. शिवकुमार उम्र 35 वर्ष साकिन पोडी थाना बिल्हा।