रायपुर। पिछली सरकार में नकली होलोग्राम के जरिये अरबों का शराब घोटाला किया गया। नई सरकार ने इस तरह के घोटाले को रोकने के लिए अलग तरह का होलोग्राम तैयार किया और अफसरों ने दावा किया कि और उसका इस्तेमाल करना काफी सुरक्षित होगा और नकली शराब बेचने वाले इस तरह के होलोग्राम का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। मगर यह व्यवस्था शुरू ही हुई थी की इसी बीच प्रदेश में नकली होलोग्राम का खेल शुरू हो गया। यह होलोग्राम देशी अंग्रेजी शराब की बोतलों में लगाया जाता है। यहां धड़ल्ले से नकली होलोग्राम और ढक्कन लगी शराब बेचने का खुलासा हुआ।
नकली होलोग्राम बनाकर बेचने का धंधा उजागर
दरअसल मुखबिर की सूचना पर आबकारी उपायुक्त कार्यालय की टीम सोमवार शाम आमानाका इलाके के तेंदुआ स्थित बीएच ढाबे में पहुंची। यह ढाबा टाटीबंध बाईपास के पास है। यहां पर आबकारी विभाग के द्वारा उपयोग किए जा रहे होलोग्राम की डुप्लीकेसी की जा रही थी। ये लोग देशी, विदेशी दोनों ही शराब के होलोग्राम बना रहे थे। इनकी नीयत कूट रचना कर अवैध रूप से धन कमाने की थी। ढाबा के संचालक सकंटमोचन सिंह, नकली होलोग्राम और ढक्कन लगी शराब बेच रहा था। उसके ढाबे से बड़ी मात्रा में नकली ढक्कन, अलग अलग डिस्टलरी के नकली स्टीकर समेत नकली सुरक्षा होलोग्राम शीट जब्त किया गया है।
प्रिंटिंग प्रेस में हो रही थी छपाई
बीरगांव स्थित लक्ष्मी कॉम्पलेक्स स्थित श्री गणेश प्रिटंर्स एंव प्रिंटिग दुकान पर नकली सुरक्षा होलोग्राम और स्टीकर बनाया जाता था। इस प्रिंटिंग प्रेस से देशी प्लेन मदिरा में लगने वाले नकली होलोग्राम की 371 शीट,साथ ही साथ इसके बनाने में प्रयुक्त पेन ड्राईव समेत प्रिंटिंग प्रेस संचालक का मोबाईल भी जब्त किया गया है। नकली होलोग्राम और ढक्कन दूसरे जिले भेजे जाने के भी सबूत मिले हैं। इस मामले में आबकारी अधिकारी ज़ेबा खान ने दो आरोपियों ढाबा संचालक संकट मोचन सिंह (45)प्रेस संचालक गणेश चौरसिया (20) को धारा 318,336-3 के तहत कार्रवाई कर आमानाका पुलिस के हवाले किया। आबकारी विभाग की इस कार्रवाई ने आमानाका और खमतराई पुलिस की भूमिका की भी पोल खोल दी है। दोनों थानें इस गोरखधंधे से अनजान रहे या थाना स्टाफ जान कर भी अनदेखी करता रहा यह जांच में सामने आएगा।
अनवर के फॉर्महाउस से भी जब्त हुए थे नकली होलोग्राम
छत्तीसगढ़ में हुए 21 सौ करोड़ के शराब घोटाले में भी इन्हीं नकली होलोग्राम की बड़ी अहम भूमिका रही। उस वक्त ये नकली होलोग्राम, घोटाले में जेल याफ्ता अनवर ढेबर के धरसींवा इलाके के फार्म हाउस में बनाए जाते रहे। अनवर की गिरफ्तारी के बाद चली जांच के दौरान ईडी, ईओडब्लू ने फार्म हाउस की जमीन में गाड़ कर छिपाए गए हजारों होलोग्राम बरामद किए थे। और इस मामले में आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। ये भी जेल में हैं।
नोट छपने वाले प्रेस की छपाई भी काम नहीं आयी
बता दें कि पिछली बार हुई डुप्लीकेसी से सबक लेकर आबकारी विभाग ने इस वर्ष से होलोग्राम, नासिक स्थित केंद्र सरकार के करेंसी प्रिंटिंग प्रेस से होलोग्राम मुद्रण करा रहा है। इसी प्रेस में भहारतीय नोट छपते हैं। डुप्लीकेसी रोकने के लिए नासिक में प्रिंटिंग से लेकर डिलीवरी की पूरी प्रक्रिया को आबकारी सचिव आर संगीता स्वयं वहां देखने गईं थीं। उन्होंने करीब 7 दिन रहकर पूरा प्रोसेस समझा था । नासिक प्रबंधन ने डुप्लीकेसी न होने का दावा कर संगीता को संतुष्ट भी किया था। उसके बाद ही राज्य सरकार ने भारत सिक्युरिटी प्रेस से होलोग्राम मुद्रण का अनुबंध किया था। और उसी अनुरूप होलोग्राम की सप्लाई की जा रही है। मगर अब तो नासिक प्रेस के इन होलोग्राम की डुप्लीकेसी हो ही गई। छापे की कार्रवाई करने वाले आबकारी अमले का कहना है कि कल पकड़ाए हजारों नकली होलोग्राम, नासिक में मुद्रित मूल से मिलते जुलते हैं।
बताया जा रहा है कि दूसरे राज्यों से लाइ गई अवैध और नकली शराब की बोतलों में इस तरह के होलोग्राम चिपकाकर उसकी बिक्री की जाती है। कुछ दिनों पूर्व ही राजनांदगांव में इसी तरह बड़ी मात्रा में एमपी की शराब का स्टॉक और छत्तीसगढ़ के नकली होलोग्राम बरामद किये गए थे। कुल मिलकार आबकारी विभाग की तमाम कड़ाई के बावजूद प्रदेश में नकली और अवैध शराब धड़ल्ले से छत्तीसगढ़ सरकार की शराब बताकर बेची जा रही है। फ़िलहाल कुछ मामले सामने आये हैं। अब विभाग इसे रोकने के लिए क्या प्रयास करते है, उस पर सभी की नजरें होंगी।