नई दिल्ली। वक्फ कानून में हाल में किए गए संशोधनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को दूसरे दिन भी सुनवाई जारी रही। भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए सात दिन की मोहलत दी है। सरकार ने अदालत को भरोसा दिलाया कि इस दौरान डिनोटिफिकेशन या नई नियुक्ति नहीं की जाएगी। अगली सुनवाई 5 मई को होगी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलील
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि यह मुद्दा ऐसा नहीं है कि कोई सेक्शन देखकर उस पर फैसला किया जाए। इसके लिए पूरे कानून और इतिहास को भी देखना होगा। कई लाख सुझावों पर गौर करके यह कानून पारित हुआ था। उन्होंने कहा कि अगर अदालत कोई आदेश जारी करती है तो उसका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पूरी तरह से कानून पर रोक नहीं लगा रहे हैं, पर हम ये भी चाहते हैं कि अभी की यथास्थिति में कोई बदलाव न हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस नए कानून में कुछ अच्छी चीजें भी हैं। हम कानून पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यथास्थिति में बदलाव नहीं चाहते हैं।
एक सप्ताह तक वक्फ बोर्ड में कोई भी नियुक्ति नहीं
इसके बाद सीजेआई ने कहा कि अदालत चाहती है कि कोई भी पक्ष प्रभावित न हो। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर आप ‘वक्फ बाय यूजर’ को लेकर भी कुछ कहना चाहते हैं, तो उसके लिए हमारा पक्ष सुने। उन्होंने आश्वासन दिया कि एक सप्ताह तक वक्फ बोर्ड में कोई भी नियुक्ति नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि क्या वह आश्वासन दे सकते हैं कि 1995 के वक्फ कानून के तहत रजिस्टर्ड वक्फ प्रॉपर्टी को डिनोटिफाई नहीं करेंगे? सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को इसका भी भरोसा दिलाया।
सीजेआई ने क्या-क्या कहा
0 सुनवाई के दौरान सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा, मैं चाहता हूं कि याचिकाकर्ता पक्ष की तरफ से सिर्फ 5 याचिकाएं ही हों। सबको सुनना संभव नहीं है। आप एक दिन में फैसला लेकर बताएं।
0 बाकी याचिकाओं को निस्तारित माना जाएगा। याचिकाओं की आगे की लिस्टिंग में किसी का नाम नहीं लिखा जाएगा।
0 याचिकाकर्ता एक नोडल वकील भी तय करें, दूसरा पक्ष भी नोडल वकील तय करे।
0 दोनों पक्ष हमें जिरह करने वाले वकीलों की लिस्ट सौंपें।
0 पांच को छोड़ कर बाकी याचिकाओं को आवेदन माना जाएगा या निस्तारित समझा जाएगा। रोज नई याचिकाएं दाखिल हो रही हैं।
0 1995 और 2013 के कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को कॉज लिस्ट में अलग से लगाया जाएगा।
0 केंद्र, राज्य सरकार और वक्फ बोर्ड एक सप्ताह में जवाब दें। 5 मई को अगली सुनवाई होगी।
0 अगली सुनवाई 5 मई को होगी
अंतरिम आदेश में शीर्ष अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 5 मई तय करते हुए कहा कि सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि केंद्र सरकार सात दिन के भीतर जवाब दाखिल करना चाहती है। वह अदालत को आश्वासन देते हैं कि वक्फ कानून की संशोधित धारा 9 और 14 के तहत परिषद और बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। अगली सुनवाई की तारीख तक वक्फ, जिसमें पहले से पंजीकृत या अधिसूचना द्वारा घोषित वक्फ शामिल हैं, को न तो डिनोटिफाई किया जाएगा और न ही कलेक्टर द्वारा इसमें कोई बदलाव किया जाएगा। हम इस बयान को रिकॉर्ड पर लेते हैं।