0 कोचिंग के संचालक रहे सॉल्वर की भूमिका में
0 सरकारी डॉक्टर, कोचिंग इंस्टीट्यूट और एक निजी होटल समेत कुल 5 ठिकाने CBI के घेरे में
रायपुर। CGPSC भर्ती घोटाले में सीबीआई ने रायपुर, महासमुंद में कुल 5 ठिकानों पर दो दिनों तक दबिश दी। इसमें सरकारी डॉक्टर, कोचिंग इंस्टीट्यूट और एक निजी होटल समेत कुल 5 ठिकानों को घेरा गया। इनमें सबसे महत्वपूर्ण रहा बलौदाबाजार जिले के अंतर्गत आने वाला बार नवापारा अभ्यारण का गेस्ट हाउस। इसके अलावा एक सरकारी डॉक्टर के घर, रायपुर के फूल चौक स्थित निजी होटल और नई राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग इंस्टीट्यूट पर सीबीआई की टीमें पड़ताल कर रही हैं।
CGPSC- 2022 की परीक्षा में हुई गड़बड़ी को प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। हालांकि इससे पूर्व भी राज्य गठन के पहले दशक में ऐसा ही मामला उजागर हुआ था और हाई कोर्ट में PSC चयनित लोगों के खिलाफ फैसला दिए जाने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में अटका हुआ है। CGPSC- 2022 की अब तक की जांच में सामने आया है कि घोटाले की पटकथा क्षेत्र के प्रसिद्ध बार नवापारा अभ्यारण्य के पर्यटक ग्राम में लिखी गयी। गौरतलब है कि इस परीक्षा में आश्चर्यजनक रूप से अफसरों एवं नेताओं के परिवार के बच्चों का चयन उच्च पदों पर हुआ था, जिसकी शिकायत अभ्यर्थियों द्वारा किये जाने के बाद मामले की जांच शुरू की गई और अब यह जांच केंद्र की एजेंसी CBI द्वारा की जा रही है।
पर्यटक के रूप में ठहराया गया परीक्षार्थियों को
अब तक की जांच में सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ है कि राजधानी रायपुर से लगभग सवा सौ किलोमीटर दूर घने जंगल के बीच स्थित बार नवापारा के पर्यटक ग्राम का एक कमरा PSC परीक्षा घोटाले का प्रमुख केंद्र रहा है। यहां के एक कमरे में ही पूरी साजिश रची गई और उसे कैसे अमलीजामा पहनाना है, इसकी योजना बनी।
सूत्र बताते हैं कि 11 से 24 मई 2022 के बीच उक्त पर्यटक ग्राम में PSC के 35 परीक्षार्थियों को ठहराया गया था। इसकी बुकिंग राहुल हरपाल नामक व्यक्ति ने की थी। इन अभ्यर्थियों को राज्य सेवा परीक्षा का असली प्रश्न पत्र दिया गया और कमरों में ही परीक्षा हल करने और अभ्यास करवाने की व्यवस्था की गई। बताया जा रहा है कि इन 14 दिनों में एक सुनियोजित प्रशिक्षण योजना के तहत परीक्षा के सवाल-जवाब अभ्यर्थियों को समझाए और रटाये गए ताकि वे परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त कर सकें।
एकेडमी संचालक के घर पर भी छापा
इस जांच में अहम दस्तावेज समेत टेक्निकल एविडेंस बरामद करने की खबर है। इसमें मिले सबूतों पर जल्द दो और बड़ी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। अब तक इस मामले में पूर्व चेयरमेन टीएस सोनवानी समेत डेढ़ दर्जन लोग गिरफ्तार हैं। बुधवार-गुरुवार को हुई छापे की कार्रवाई में महासमुंद के डॉ विकास चंद्राकर, रायपुर के उत्कर्ष चंद्राकर, नई राजेंद्र नगर, रायपुर के सक्सेस एकेडमी के संचालक धर्मेंद्र साहू, राहुल हरपाल, परितोष जायसवाल मुख्य रूप से शामिल है।
परीक्षा में सॉल्वर की भी ली गई मदद
इनसे हुई पूछताछ में परीक्षा से लेकर चयन तक अपनाई प्रक्रिया से संबंधित कई राज उगले हैं। इनके मुताबिक विकास और उत्कर्ष चंद्राकर ने 2022 सीजीपीएससी मेंस का पर्चा सॉल्वर को दिया। यही 2 मुख्य आरोपी और दलाल थे, जिन्होंने सीजीपीएससी के अधिकारियों से पर्चा लिया और बदले में पैसा ऊपर तक पहुंचाया। सक्सेस एकेडमी के धर्मेंद्र साहू और परितोष जायसवाल सॉल्वर थे। यह रिजॉर्ट में प्रतिभागियों से पर्चा सॉल्व करवाते और उनकी पूरी तैयारी करवाते थे। वहीं राहुल ने प्रतिभागियों के लिए सारी व्यवस्थाएं की। परीक्षार्थियों को हॉटल से परीक्षा केंद्र ले जाना और वापिस लाना रिसॉर्ट की व्यवस्था करना सब इसी के जिम्मे था। प्रतिभागियों को परीक्षा के समय रायपुर के एक निजी हॉटल में ठहराया गया था और यहीं से उन्हें परीक्षा केंद्र लाया जाता था। परीक्षा होने तक उन्हें इसी होटल में रखा गया था।
सीबीआई के पास है ठहरे हुए लोगों की सूची
पता चला है कि बारनवापारा के वन परिक्षेत्र अधिकारी सुनील खोबरागड़े द्वारा सीबीआई को बार नवापारा के पर्यटक ग्राम में PSC परीक्षा के दौरान ठहरने वाले सभी लोगों की सूची सौंप दी गई है। इसमें नाम, पहचान और ठहरने की तिथियों सहित पूरी जानकारी उपलब्ध है।
पद के मुताबिक रेट होता था तय
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि PSC में चयन के लिए पद के मुताबिक भारी-भरकम रेट तय था। इसमें डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए 1 करोड़ रूपये लिए गए थे। तहसीलदार से लेकर डीसीपी और अन्य पदों का भी रेट भी अलग-अलग था। अब तक मिली जानकारी के आधार पर जल्द कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।