बिलासपुर। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के आंदुल गांव के एक किसान से जमीन सीमांकन के एवज में 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगने वाला फरार राजस्व निरीक्षक घनश्याम भारद्वाज आखिरकार एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के शिकंजे में आ गया। मंगलवार को वह स्वयं बिलासपुर स्थित एसीबी कार्यालय पहुंचा और आत्मसमर्पण कर दिया।

ब्यूरो ने आरोपी को हिरासत में लेकर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 (संशोधित 2018) के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि जीपीएम जिले के आंदुल गांव के निवासी किसान रंजीत सिंह राठौर ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके पिता के नाम की कृषि भूमि (लगभग 2 एकड़) का सीमांकन कराने के एवज में घनश्याम भारद्वाज द्वारा 50,000 रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी।

एसीबी ने 15 अप्रैल को इस मामले में घनश्याम भारद्वाज के साथी राजस्व निरीक्षक संतोष कुमार चंद्रसेन को 50,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। रिश्वत की राशि बरामद कर उसे जेल भेज दिया गया है, वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। हालांकि इस दौरान घनश्याम भारद्वाज मौका पाकर भाग खड़ा हुआ।

इसके बाद से घनश्याम भारद्वाज फरार चल रहा था। लेकिन एसीबी की लगातार पतासाजी, दबिश और दबाव के चलते अंततः उसने आत्मसमर्पण का रास्ता चुना। बुधवार को उसे औपचारिक गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

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