बिलासपुर। न्यायधानी के गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के NSS शिविर में नमाज पढ़वाने के विवाद पर कोनी पुलिस ने सात प्रोफेसरों और एक छात्र प्रमुख पर भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं और छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।

इस मामले में जिनके खिलाफ FIR दर्ज हुई है, उनमें एनएसएस के को- ऑर्डिनेटर प्रोफेसर दिलीप झा, डॉ. मधुलिका सिंह, डॉ. ज्योति वर्मा, डॉ. नीरज कुमारी, डॉ. प्रशांत वैष्णव, डॉ. सूर्यभान सिंह, डॉ. बसंत कुमार और छात्र टीम कोर लीडर आयुष्मान चौधरी शामिल हैं।

 

कैंप के दौरान जबरिया नमाज पढ़ाने का मामला

बता दें कि बीते 26 मार्च से 1 अप्रैल 2025 तक ग्राम शिवतराई (कोटा) में एनएसएस शिविर लगाया गया था। शिविर में कुल 159 छात्र-छात्राएं शामिल थे, जिनमें से चार मुस्लिम छात्र थे। आरोप है कि 31 मार्च को सुबह कैंप में मौजूद शिक्षकों और छात्र लीडर ने सभी विद्यार्थियों को मंच पर नमाज अदा करने को कहा। छात्रों का आरोप है कि इस प्रक्रिया का विरोध करने पर उन्हें सर्टिफिकेट न देने और अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी दी गई। कई छात्रों ने कहा कि उन्हें मुस्लिम धर्म में जबरन शामिल कराने की कोशिश की गई।

प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग

इस घटनाक्रम के 15 दिनों बाद हिंदू संगठनों ने इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया, तब इस वाकये का खुलासा हुआ। संगठन ने कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। इस दौरान कुलपति प्रोफेसर आलोक चक्रवाल के निर्देश पर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई गई। 17 अप्रैल को समिति ने 117 छात्रों से पूछताछ कर बयान दर्ज किए। फ़िलहाल कोनी थाने की पुलिस ने इस प्रकरण में शून्य पर अपराध दर्ज किया और घटना स्थल कोटा थाना क्षेत्र में होने के कारण मामले की डायरी कोटा थाने को सौंप दी गई है, जहां आगे की जांच और कार्रवाई होगी।

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