रायपुर। ईडी ने कोयला घोटाले में जेल में बंद कांग्रेस नेता सूर्यकांत तिवारी की पौने 50 करोड़ की संपत्ति अटैच कर ली है। ईडी ने तिवारी को कोल लेवी वसूली और मनी लांड्रिंग घोटाले में दो वर्ष पहले बंगलुरू से गिरफ्तार किया था।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय से जारी एक बयान में कहा है कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत 30/01/2025 को बैंक बैलेंस, वाहन, नकदी, आभूषण और जमीन सहित 100 से अधिक चल और अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया है। इनका संचयी मूल्य 49.73 करोड़ रुपये है।

540 करोड़ तक पहुंची कुल लेवी वसूली

ईडी के मुताबिक जांच में पता चला है कि निजी व्यक्तियों का एक समूह, राज्य के वरिष्ठ राजनेताओं और नौकरशाहों के साथ मिलीभगत करके, कोयला ट्रांसपोर्टरों से जबरन वसूली की थी। उन्होंने जुलाई 20- जून 2022 के बीच परिवहन किए गए कोयले के प्रति टन 26 रुपये का शुल्क लिया। इस अवधि के दौरान, अपराध की कुल आय (पीओसी) 540 करोड़ रुपये (लगभग) थी, जो छत्तीसगढ़ में कोयला ट्रांसपोर्टरों से वसूली गई थी।

चुनाव में भी किया इस्तेमाल

अवैध धन का इस्तेमाल सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत देने के लिए किया गया था, पीओसी का कुछ हिस्सा चुनावों में भी खर्च किया गया था। शेष धनराशि का उपयोग विभिन्न चल और अचल संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए किया गया था।

अटैच संपत्ति तिवारी, रानू,सौम्या, समीर की भी

ईडी ने लगभग 55.37 करोड़ रुपये की कई चल और अचल संपत्तियां कुर्क की हैं, जो रानू साहू, आईएएस, समीर बिश्नोई, आईएएस, श्रीमती से संबंधित हैं। छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री की तत्कालीन ओएसडी सौम्या चौरसिया, आईएएस जय प्रकाश मौर्य और राम गोपाल अग्रवाल, राम प्रताप सिंह, विनोद तिवारी, चंद्र देव प्रसाद राय, देवेंद्र सिंह यादव, सभी राजनीतिक रूप से उजागर व्यक्ति थे।चल रही जांच के तहत ईडी ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है और 25 आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत (पीएमएलए) के समक्ष तीन अभियोजन शिकायतें दर्ज की हैं, जिसने दायर शिकायतों का संज्ञान लिया है। इसके अलावा, आरोपी व्यक्तियों की 270 करोड़ रुपये की संपत्ति पहले ही आज तक जब्त की जा चुकी है, आगे की जांच जारी है।

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