1. रायपुर। पेट्रोल पंप पर अक्सर जब लोग डीज़ल या पेट्रोल भरवाने के लिए जाते हैं, तो 100 रुपये की जगह 110 या 120 रुपये का फ्यूल भरवाते हैं। वहीं 500 रुपये की जगह उनकी पसंद 495 रुपये का तेल भरवाना होता है। आखिर इसके पीछे की वजह क्या होती है? ये कोई टोटका है या फिर ग्राहक की चालाकी और क्या ग्राहक के ऐसा करने से कोई फायदा भी होता है ? चलिए जानते हैं।

पेट्रोल-डीजल भरवाते समय आपने लोगों को अक्सर देखा होगा कि वो 100 रुपये की जगह तेल 110 या 1220 रुपये का भरवाते हैं। संभवतः आप भी ऐसा ही करते होंगे।

ऑनलाइन प्‍लेटफार्म कोरा पर कुछ लोगों ने इसके बारे में पूछा तो रेलवे के पूर्व मुख्‍य इंजीनियर अनिमेष कुमार सिन्‍हा ने इसका जवाब दिया। इसकी सच्चाई जानकर आपका भ्रम न सिर्फ दूर हो जाएगा बल्कि हमें ये भी पता चल जाएगा कि तेल भरवाते वक्त हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे हमें कोई बेवकूफ न बना सके।

फिक्स अमाउंट के कोड सेट होते हैं

दरअसल पेट्रोल पंप पर जिस अमाउंट में ज्यादा पेट्रोल बिकता है, उसके कोड सेट रखे जाते हैं। ये राउंड फिगर में होते हैं, जैसे- 100, 200, 500 और 1000 रुपये। इसकी एंट्री के लिए वन बटन सिस्टम होता है, जो पेट्रोल पंप कर्मचारी दबाते हैं, जिससे उनकी मेहनत बचती है और काम जल्दी हो जाता है। हालांकि ग्राहक को देखने में लगता है कि नंबरों के ज़रिये कुछ सेटिंग होती है, जिससे तेल कम दिया जा रहा है।

लोगों की धारणा से अलग है सच्चाई

ऐसे में लोगों में धारणा बन गई है कि अगर इन नंबरों से अलग पैसे से तेल ल‍िया जाए तो शायद सही तेल मिलेगा। हालांकि सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है। पेट्रोल पंप की मशीन लीटर में तेल देने के लिए बनाई गई है यानि उसकी हर गणना लीटर के ह‍िसाब से की गई है, इसे फ्लो मीटर कहा जाता है। लीटर से रुपये का कन्वर्जन एक सॉफ्टवेयर के जरिए होता है। इसमें पेट्रोल या डीजल का रेट डालते हैं और उससे गणना करके तेल तय किया जाता है।

ऐसे में जब आप 100, 110 या 120 का तेल लेते हैं तो हो सकता है क‍ि इस गणना में कुछ राउंडऑफ हो जाए। जैसे आपने जो पेमेंट दिया है उसमें 10.24 लीटर म‍िलना था तो यह 10.2 लीटर कर दिया जाए। इस बात का कोई प्रमाण नहीं है क‍ि 110 या 120 का तेल लेने से आपको ज्‍यादा या फ‍िर सही तेल मिलेगा। ऐसे में आपको भरोसा पेट्रोल पंप पर करना ही होगा।

लीटर के हिसाब से भरवाएं तेल

सही माप में तेल चाहते हैं तो सबसे बेहतर तरीका है क‍ि लीटर के हिसाब से भरवाएं और यूपीआई के ज़रिये उतना ही पे करें, जितने का तेल ल‍िया है। माप तौल विभाग पेट्रोल पंप के फ्लो मीटर का कैलिबेरशन और जांच लीटर में करता है और तेल कंपनी वाले भी यही जांच करते हैं। चूंकि पेट्रोल का घनत्व स्थिर है, ऐसे में उसमें बदलाव नहीं हो सकता।

इसके बाद भी अगर आपको संदेह है तो आप चाहें तो माप तौल विभाग में इसकी श‍िकायत कर सकते हैं या फिर https://pgportal.gov.in/ पोर्टल पर जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अगर आपका संदेह सही है और कम पेट्रोल दिया गया है तो पंप पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान भी है। हर पेट्रोल पंप किसी प्राइवेट कंपनी का है, तो वहां शिकायत की जा सकती है। जिसका टोल फ्री नंबर पेट्रोल पंप पर ही ल‍िखा होता है।

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