0 सिंधी समाज ने जताई नाराजगी, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बनाई गई टीम
रायपुर। दो महीने तक कोमा में जिंदगी से संघर्ष कर रहे सिंधी समाज के पुरोहित यश शर्मा ने आखिर दम तोड़ दिया। उसका अपहरण कर शगुन फार्म हाउस में बंद कर बेदम पीटने वाले करोड़पति कारोबारियों के बेटे अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। इस पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही से नाराज सिंधी समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया, और परिजनों ने कार्रवाई होने के बाद ही अंतिम संस्कार का ऐलान किया।
कार्रवाई से तेलीबांधा थाने को रखा गया अलग
घटना के बाद एसपी लाल उम्मेद सिंह ने सिंधी समाज के नेताओं, और परिजनों से चर्चा की। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एएसपी दौलतराम पोर्ते की अगुवाई में तीन सदस्यीय टीम बनाई गई है। इससे तेलीबांधा थाने को अलग रखा गया है। एसपी ने 15 दिन के भीतर आरोपियों की गिरफ्तारी का भरोसा दिलाया है।
अंतिम संस्कार को तैयार हुए परिजन
एसपी के आश्वासन के बाद परिजन मृत युवक यश शर्मा का अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। दोपहर बाद यश का अंतिम संस्कार किया गया।
पुलिस की भूमिका रही संदिग्ध
तेलीबांधा निवासी यश शर्मा को विगत 13 अक्टूबर को तीन बड़े कारोबारियों के बेटे ने अपहरण कर पिटाई की थी। इसके बाद यश को गंभीर अवस्था में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां मंगलवार की शाम मौत हो गई। इस पूरे मामले की एफआईआर दर्ज होने के बाद से पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही है। यहां तक आरोप है कि जांच से जुड़े पुलिस कर्मी, इन करोड़पति युवकों को फरार बताकर बचाते रहे हैं।
इस मामले में एसपी से चर्चा के दौरान सिंधी समाज के नेताओं में पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी, अमर गिदवानी सहित अन्य प्रमुख नेता मौजूद थे। यश की मृत्यु के बाद सिंधी समाज के नागरिकों ने सिविल लाइंस थाने का घेराव किया और आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की।