0 अंतरिम रिपोर्ट को आईजी ने भेजा राज्य शासन को
राजनांदगांव। राजनांदगांव रेंज की पुलिस आरक्षक भर्ती में गड़बड़ी उजागर होने के दौरान एक आरक्षक अनिल रत्नाकर की खुदकुशी के मामले में गठित SIT ने आईजी दीपक झा को अपनी अंतरिम रिपोर्ट पेश कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक मृतक आरक्षक इस पूरी गड़बड़ी में शामिल था और उसने अभ्यर्थियों से अंक बढ़ाने के एवज में पैसे लिए थे। उसके द्वारा लगाए गए बड़े अफसरों पर आरोप भी निराधार पाए गए। इसके अलावा उसकी मौत भी आत्महत्या होना ही पाया गया। आईजी ने फिलहाल रिपोर्ट को राज्य सरकार को भेज दिया है।
आईजी द्वारा गठित SIT ने की मामले की जांच
आरक्षक की आत्महत्या के मामले में लालबाग थाना राजनांदगांव के मर्ग क्र. 117/2024 धारा 194 बीएनएस की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को देखते हुए मर्ग की समुचित जांच के लिए देवचरण पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, जिला मोहला-मानपुर-अं. चौकी के नेतृत्व में 4 सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) का गठन 22 दिसंबर 2024 को किया गया था। टीम द्वारा अंतरिम जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। जांच के दौरान 42 गवाहों का कथनों, तकनीकी साक्ष्यों, सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर, बैंक स्टेटमेंट का विस्तृत विश्लेषण किया गया है। अंतरिम जांच में मृतक आरक्षक अनिल रत्नाकर की मृत्यु फांसी लगाकर आत्महत्या करना प्रतीत होना पाया गया है।
उम्मीदवारों के नंबरों में किया गया हेरफेर
अंतरिम जांच में यह भी पाया गया है कि मृतक अनिल रत्नाकर द्वारा आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में आने वाले अभ्यर्थियों से अन्य लोगों के साथ मिलकर रुपयों के बदले अभ्यर्थियों के नंबर में हेरफेर किया गया है। अब तक की जांच में उपलब्ध तकनीकी साक्ष्य, सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर, बैंक स्टेटमेंट, गवाहों के कथनों से किसी भी वरिष्ठ अधिकारी का भर्ती प्रक्रिया की गड़बड़ी में शामिल होने के साक्ष्य नहीं पाया गया है।
मृतक की फोन डेटा रिकवरी के संबंध में तकनीकी रिपोर्ट, मृतक के बांये हाथ के गदेली में लिखे नोट के संबंध में हस्तलिपि विशेषज्ञ का रिपोर्ट एवं मृतक का विसरा परीक्षण रिपोर्ट अप्राप्त है। उक्त परीक्षण रिपोर्ट के प्राप्ति उपरांत अंतिम प्रतिवेदन दिया जाना संभव होगा, लेख किया गया है।