0 मुस्लिम समाज ने कार्रवाई का किया विरोध, कहा- समाज विशेष और क्षेत्र विशेष के लोगों को किया गया टारगेट

रायपुर। पुलिस ने राजधानी में “ऑपरेशन समाधान” नामक अभियान चलाया। इसके तहत रायपुर के 21 शहरी थाना क्षेत्रों में दूसरे राज्यों से आकर रह रहे लोगों के लिए धर-पकड़ अभियान चलाया गया। इस दौरान दो हजार से अधिक लोग पकड़ में आये। इनमें अधिक संख्या पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड जैसे राज्यों के लोगों की थी। इन सभी लोगों का पुलिस ने आधार कार्ड का वेरिफिकेशन किया है। जिन्होंने पूर्व में अपना वेरिफिकेशन नहीं कराया था उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है।

पुलिस लाइन में लाये गए हजारों लोग

पुलिस की लगभग 350 सदस्यों की अलग-अलग टीमों द्वारा आज तड़के प्रातः 04ः00 बजे उक्त अनुभाग में चिन्हांकित किये गये स्थानों पर छापामार कार्यवाही की गई। इस दौरान विभिन्न राज्यों जिनमें पश्चिम बंगाल के 394, उत्तर-प्रदेश के 571, बिहार के 320, ओडिसा के 184, महाराष्ट्र के 110, मध्य-प्रदेश के 273, राजस्थान के 54, जम्मू-कश्मीर के 04, झारखण्ड के 71, नागालैण्ड के 01, गुजरात के 17, नेपाल के 07 एवं दिल्ली के 07 निवासियों सहित कुल 2013 व्यक्तियों को रक्षित केन्द्र लाया गया।

इस कार्रवाई के बाद राजधानी स्थित पुलिस लाइन में सुबह से ही पुलिस की गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो गई थी। विभिन्न थाना क्षेत्रों से बसों में भरकर लोगों को लाकर एक जगह एकत्र किया जा रहा था। पूछने पर पता चला कि राजधानी के 21 शहरी थाना क्षेत्रों में अभियान चलाकर बाहर से आकर रह रहे लोगों को पकड़ा गया है। सभी के एक-एक करके पूछताछ और उनके रायपुर में रहने, काम करने और बाकी पहलुओं को लेकर पूछताछ की गई।

 

अनजान लोगो की आवाजाही की मिल रही थी सूचना

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ लाल उम्मेद सिंह ने इस कार्रवाई के बारे में बताया कि काफी समय से शिकायत मिल रही थी कि शहर के अनेक इलाकों में संदिग्ध और अनजान लोग घूम रहे हैं। इनके वेरिफिकेशन की बात थी। वहीं कुछ घरों में अनजान लोगों के रहने की सूचना भी थी। इनमें से कई लोग ठेले, खोमचे और फेरी वाले हैं। इनमें से जिन लोगों ने अपना वेरिफिकेशन नहीं कराया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। SSP से जब पूछा गया कि इनमे से अधिकांश लोगों ने थानों में आमद दर्ज करा दी है और वेरिफिकेशन फॉर्म भी भर दिया है, तब उन्होंने कहा कि जिन्होंने अपना वेरिफिकेशन करा रखा है, उनको भी पूछताछ के लिए पुलिस तलब कर सकती है, पुलिस का मकसद इन्हे परेशान करना नहीं है।

आधार कार्ड का किया गया वेरिफिकेशन

पुलिस ने बताया कि इस अभियान के दौरान कुल 2013 लोगों को पकड़ा गया। पुलिस लाइन में लाकर इन सभी की तस्वीरें ली गई और इनके आधार कार्ड का वेरिफिकेशन किया गया। यहां से इन सभी को जिन थाना क्षेत्रों से लाया गया था, वहीं इन्हें बसों में भरकर वापस ले जाया गया। बाद में पता चला कि जिन लोगों ने थानों में आमद दर्ज कराते हुए वेरिफिकेशन नहीं कराया है, उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है।

मुस्लिम समाज ने की कार्रवाई की निंदा

बता दें कि पुलिस के इस अभियान में अधिकांश मुस्लिम समाज के लोग ही पकड़े गए हैं। इनमें से कुछ ही लोग गैर मुस्लिम थे। यही वजह थी कि इस मौके पर मुस्लिम समाज के कुछ प्रमुख लोग पुलिस लाइन में मौजूद थे। इन्हीं में शामिल सामाजिक कार्यकर्त्ता नोमान अकरम और बिरगांव नगर पालिका के मेयर इन कॉउन्सिल इकराम अहमद ने कहा कि इस कार्रवाई में समाज विशेष और क्षेत्र विशेष के लोगों को टारगेट किया गया है। पकड़े गए लोगों में कुछ को छोड़कर लगभग सभी मुस्लिम समाज के हैं, वही इनमें से अधिकांश बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के रहने वाले है। इकराम अहमद ने कहा कि इनमें से अधिकांश लोगों ने थानों में वेरिफिकेशन करवा लिया है, बावजूद इसके उन्हें पकड़ कर यहां लाया गया। इस तरह की कार्रवाई अनुचित है। उन्होंने कहा कि ऐन चुनाव के समय माहौल बनाने के लिए पुलिस ने सरकार के कहने पर ऐसा किया है। आलम यह था कि मुस्लिम समाज के कुछ लोग काम के लिए यहां एक दिन पहले ही आकर होटल में रुके हुए थे, उन्हें भी पुलिस पकड़ कर ले आयी।

संवैधानिक अधिकारों का हनन

पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए हाई कोर्ट के अधिवक्ता मिर्जा हफीज बेग ने कहा कि देश के हर नागरिक को भारत के संविधान के अंतर्गत अधिकार दिया गया है कि वह देश के किसी भी कोने में निवास कर सकता है और व्यवसाय कर सकता है। राजधानी रायपुर में पुलिस ने चुनाव के वक्त समाज विशेष के लोगों को इस तरह पकड़ कर इनके मन में भय पैदा करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस अपने थाना क्षेत्रों में वेरिफिक्शन का काम कर सकती थी मगर इस तरह मजमा लगाकर इन सीधे-सादे और गरीब लोगों को डराया जा रहा है और पुलिस द्वारा ऐसा करके संविधान को चुनौती दी जा रही है। हफीज बेग ने कहा कि छत्तीसगढ़ से भी लाखों लोग दूसरे राज्यों में जाकर काम कर रहे हैं, उनके साथ तो इस तरह का व्यव्हार नहीं किया जा रहा है, जैसा यहां की सरकार कर रही है।

घुसपैठियों के खिलाफ जारी रहेगी कार्रवाई

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने पुलिस के इस अभियान को लेकर कहा कि छत्तीसगढ़ में घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। यहां अवैधानिक रूप से रह रहे लोगों के कारण समस्या पैदा होती है। ये कानून व्यवस्था के लिए भी खतरा हैं। इनकी कोई आइडेंटिटी नहीं है, इसलिए प्रशासन इस मामले काे गंभीरता से लेकर कार्रवाई कर रहा है। साव ने कहा कि जो लोग छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी।

रोहिंग्या और बांग्ला देशियों की हो रही तलाश…

चुनाव के वक्त राजधानी में की गई इस तरह की कार्रवाई को लेकर कहा जा रहा है कि पुलिस को यहां रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्ला देशियों के छिपे होने के इनपुट मिले थे। जिनके लिए यह सर्चिंग अभियान चलाया गया। हालांकि चर्चा इस बात की भी रही कि पुलिस को इस तरह मजमा लगाकर कार्रवाई करने की जरुरत क्यों पड़ी, क्योंकि इससे पहले पुलिस पहले भी कई बार थाना स्तर पर अभियान चला चुकी है, ऐसा इस बार भी किया जा सकता था।

 

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