बिलासपुर। कर्ज और सूदखोरी से परेशान एक किसान को कीटनाशक पीकर जान देना पड़ा। इस मामले में पुलिस ने किसान को प्रताड़ित करने वाले सूदखोर को गिरफ्तार कर लिया है।

एक दिन पहले ही बिलासपुर में ग्राम भरनी के किसान बृजभान सिंह बिंझवार ने कीटनाशक पीकर सुसाइड कर लिया है। किसान का साढ़े तीन एकड़ जमीन है। किसान ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि घरेलू काम को लेकर उसने सूदखोर ज्वाला खांडे से 90 हजार रुपए का कर्ज लिया था। इसके एवज में सूदखोर ने किसान के जमीन का पर्चा अपने पास रख लिया था। बाद में किस्तों में बृजभान ने कर्ज का रकम लौटा दिया। इसके बाद सूदखोर ब्याज के रकम को लेकर किसान को प्रताड़ित करने लगा और 3 लाख रुपए की मांग करने लगा। इस बीच सूदखोर ने किसान को इतना प्रताड़ित किया कि आखिर में उसे कीटनाशक पीकर जान देना पड़ गया।

 

कर्जा एक्ट का मामला किया दर्ज

किसान के सुसाइड के मामले में पुलिस ने किसान को प्रताड़ित करने वाले सूदखोर ज्वाला खांडे को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी सूदखोर के खिलाफ कर्जा एक्ट और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। लेकिन घटना ने ये सवाल जरूर खड़े कर दिया है कि, किसानों को आखिर कर्ज लेने की नौबत क्यों आ रही और ऐसा कदम क्यों उठाना पड़ रहा है। सवाल यह भी है कि अवैध तरीके से ब्याज का धंधा करने वाले ऐसे लोगों की शिकायत क्यों नहीं की जाती, और अगर शिकायत हो भी जाती है तो पुलिस अमूमन कार्रवाई करने की बजाय लेनदेन कर ऐसे लोगों को मनमानी करने के लिए खुला छोड़ देती है।

चलते–चलते किसान के सुसाइड नोट पर नजर डालिए। जिसमें उसने बताया है कि सूदखोर ने उसकी जमीन की पर्ची को भी रख लिया है और स्टांप पेपर भी लिखवा रखा है। 3 लाख देने पर ही वो पर्ची को वापस करने की बात कह रहा है।

 

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