रायपुर। बस्तर संभाग के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बारे में विशेष जांच दल (SIT) ने बताया कि अब तक की जांच में उसे इस हत्या के सिलसिले की क्या जानकारी मिली है। पुलिस द्वारा जारी एक लंबे प्रेसनोट में कत्ल की साजिश के8 पूरी कहानी बताई गई।
पहली जनवरी की रात गायब हुए थे मुकेश
पुलिस के मुताबिक एक जनवरी की देर शाम 8 बजे मुकेश चंद्राकर के भाई युकेश चंद्राकर ने उनके गायब होने की रिपोर्ट लिखाई थी। मुकेश के फोन का लोकेशन अलग-अलग जगह आ रहा था। बाद में युकेश ने जी-मेल पर अपडेट हुए लास्ट लोकेशन की जानकारी पुलिस को दी, जो कि चट्टानपारा स्थित बाड़े की थी। पुलिस ने पत्रकारों के साथ वहां जाकर जांच की, वहां मजदूरों के 17 कमरे थे जिनमें ताले लगे थे, उन्हें खोलने के लिए बाड़े के मालिक सुरेश चंद्राकर को बुलाया गया, और उसके आने के बाद हर कमरे को खुलवाकर जांच की गई लेकिन वहां कुछ नहीं मिला।
शातिर सुरेश ने अपने सगे भाई से अनबन होना बताया
पुलिस के मुताबिक बाड़े में नए बने सैप्टिक टैंक की छत के बारे में पूछने पर सुरेश चंद्राकर ने बताया कि बाथरूम में रिनोवेशन चल रहा है।
सुरेश चंद्राकर ने उसके भाई रितेश चंद्राकर के बारे में पूछे जाने पर उससे दो सालों से बातचीत बंद बताई, और कहा कि उसकी कोई जानकारी नहीं है।
पत्रकारों की आशंका पर सेप्टिक टैंक की हुई खुदाई
सुरेश चंद्राकर के यार्ड की तलाशी के दौरान पत्रकार साथियों ने सेप्टिक टैंक को लेकर आशंका जताई। चूंकि उत्खनन की कार्यवाही की जानी थी इस हेतु विधिवत् कार्यपालिक मजिस्ट्रेट को प्रतिवेदन देकर उपस्थित रहने हेतु व नगरपालिका के कर्मियो व एफएसएल टीम की उपस्थिति तय कर चट्टान पारा स्थित बाड़ा के सेप्टीक टैंक की खुदाई की गई।
करीब 05.00 बजे के आस पास दिनांक 03.01.25 को सेप्टीक टैंक का ढक्कन हटाकर वहां पर टार्च मारकर देखने पर एक शव उफला हुआ (पुरूष का) दिखाई दिया। घटनास्थल पर काफी भीड़ हो चुकी थी। जिसे संरक्षित करने के लिए पर्याप्त बल लगाकर एरिया सील कर दिया गया।
पहचान कराये जाने पर शव की पहचान गुमशुदा मुकेश चन्द्राकर के रूप में की गई। शव का विधिवत् पंचनामा, घटनास्थल का फोरेंसिक निरीक्षण करने उपरांत शव को मरचुरी रवाना किया गया। शव बरामद होने के पूर्व ही घटना में शामिल दो आरोपियों दिनेश व महेन्द्र रामटेके को पुलिस ने दबोच लिया था।
मुकेश की आखिरी बातचीत रितेश से हुई थी
पुलिस ने संदेही रितेश चंद्राकर और अन्य संदेहियों के साथ-साथ मुकेश चंद्राकर के कॉल डिटेल्स से जांच की, तो पता लगा कि मुकेश के आखिरी दो कॉल रितेश से ही आए थे। पुलिस ने तकनीकी और अन्य जानकारी के आधार पर एक तारीख की रात ही रितेश चंद्राकर के भाई दिनेश चंद्राकर को भी ढूंढना चालू किया, जिसका मोबाइल बंद था। तीन तारीख की सुबह पता चला कि दिनेश चंद्राकर बीजापुर अस्पताल में है।
अस्पताल में एडमिट हो गया था दिनेश
दिनांक 03.01.25 को सुबह दिनेश चन्द्राकर का पता चला कि वह जिला अस्पताल बीजापुर में है। फिर उसे ढूंढना शुरू किया गया। करीब 12.00 बजे के आस पास (दिनांक 03.01.25) सुबह दिनेश चन्द्राकर जिला अस्पताल में एडमिट हुआ मिला। जिसका ईलाज चल रहा था। उसके तत्काल हिरासत में लिया जाकर विधिवत् डॉक्टर से अनुमति लेकर पूछताछ शुरू किया गया।
कड़ी पूछताछ में हत्या की बात स्वीकारी
दिनेश ने पहले तो कुछ भी जानकारी नही होना बता रहा था, पर उसे सख्ती से क्रास करने व सीडीआर. के आधार पर व लोकेशन के आधार पर पूछताछ करने पर करीब 03 घण्टे की विस्तृत पूछताछ के उपरांत उसने घटना के बारे में बताया। उसने बताया कि उसका भाई रितेश और महेन्द्र रामटेके गुमशुदा मुकेश की राड मारकर हत्या कर दिये है। उसके बाद दिनेश ने घटना में प्रयुक्त राड और कपड़े मोबाइल वगैरह ठिकाने लगाने मे वह घटनास्थल को साफ करने तथा टंकी में शव डालकर फ्लोरिंग करने में मदद करने तक की बात करते हुए परन्तु पूरी बात न बताते हुए बहुत कुछ छिपाते हुए घटना के संबंध में उक्त जानकारी दिया।
उधर पुलिस ने महेंद्र रामटेके को नए बस स्टैंड के पास से हिरासत में लिया और पूछताछ में उसने भी जुर्म कबूल कर लिया।
ठेके की खबर लगाने से थी नाराजगी
पूछताछ में यह बात सामने आई कि मुकेश चंद्राकर इनका रिश्तेदार था, एनडीटीवी का पत्रकार था, और इनके ठेके के खिलाफ न्यूज लगा रहा था, जिससे इनके ठेके की जांच शुरू हो गई थी। इससे नाराज होकर सुरेश चंद्राकर के साथ मिलकर उसकी हत्या की साजिश रची गई, और सुरेश के भाई रितेश ने अपने सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके के साथ मिलकर बाड़े के कमरा नंबर 11 में हत्या की। सुरेश चंद्राकर ने खुद को घटना के समय बाहर दूर रखा था ताकि उस पर शक न हो।
भटकाने के लिए मोबाइल को तोड़ा और…
पुलिस ने रितेश चंद्राकर को टोल टैक्स के सीसी टीवी रिकॉर्डिंग देखकर रायपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया।
रितेश के पता तलाश हेतु हाईवे के अलग अलग स्थानों में लगे टोल प्लाजा के रात मे ही CCTV फुटेज दिखवाए गए। रितेश दिनांक 02.01.25 के 08.20 बजे सुबह सुबह कोण्डागांव टोल प्लाजा के CCTV फुटेज में थार वाहन सीजी 04 0001 में क्रास होता दिखाई दिया।
अनुमान के आधार पर एयरपोर्ट रायपुर के फुटेज दिखवाया गया जहां पार्किगं पर उक्त वाहन शाम के समय दिखाई दिया। एयरपोर्ट से उस समय की फ्लाईट से आने जाने वालो की डिटेल लिया गया। जिसमें जांच पर दिनांक 02.01.25 को सुबह ही रितेश द्वारा रायपुर से दिल्ली टिकिट आन लाईन बुक करना पाया गया दिनांक 02.01.25 के सुबह ही टिकट बुक किये जाने से पुलिस का संदेह उस पर गहरा गया। उक्त सभी सर्च आपरेशन पुलिस टीम द्वारा दिनांक 02.01.25 से दिनांक 03.01.25 की दरम्यानी रात में ही किया जा रहा था।
हत्यारों ने मुकेश चंद्राकर के दो मोबाइल तुमनार नदी तक चालू रखकर वहां पत्थरों से चूर-चूर कर नदी में फेंक दिए ताकि मुकेश की आखिरी लोकेशन तुमनार नदी दिखे। इधर पुलिस ने 5 जनवरी की देर रात सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया।
बैंक से बड़ी रकम निकाली थी सुरेश ने
सुरेश चंद्राकर ने अपने बैंक खाते से घटना के चार दिन पहले, 27 दिसंबर को एक बड़ी रकम निकाली थी, उसके बारे में जांच की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि सुरेश चंद्राकर ने भाईयों के साथ मिलकर घटना के चार-पांच दिन पहले मुकेश चंद्राकर की हत्या की साजिश कर ली थी।
पुलिस ने AI की ली मदद
सभी चार आरोपियों को जिला जेल दाखिल करवाया गया है। अभी उनका न्यायिक रिमाण्ड 15 दिन का लिया गया है। पुलिस टीम ने इस प्रकरण में आरोपियों की घर पकड़ और विवेचना के लिए आधुनिक तकनीक A.I. व OSINT Tools का भी उपयोग किया है।
विवेचना के दौरान पुलिस ने आरोपियो से करीब 04 फोर व्हीलर, मिक्सर मशीन, जप्त किया है। साथ ही 100 से अधिक सीडीआर लेकर उनका एनालिसिस किया है।
एसआईटी टीम के द्वारा प्रकरण में विधि अनुसार साक्ष्य साक्ष्य संकलित व संग्रहित कर हर सूक्ष्म से सूक्ष्म बिन्दुओं पर जांच की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक आरोपियों को पकड़ने में महाराष्ट्र, तेलंगाना, ओडिशा की पुलिस की भी मदद ली गई।