केरल के तिरुवनंतपुरम कोर्ट ने 24 वर्षीय ग्रीष्मा को अपने बॉयफ्रेंड शेरोन राज की हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई। अदालत ने इसे “रेयरेस्ट ऑफ द रेयर” मामला बताते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से समाज में गलत संदेश जाता है। ग्रीष्मा ने दो साल पहले शेरोन को आयुर्वेदिक टॉनिक में जहर मिलाकर पिलाया था, क्योंकि शेरोन ने ग्रीष्मा से संबंध खत्म करने से इनकार कर दिया था।
अदालत ने ग्रीष्मा के अपराध को बेहद गंभीर बताया और कहा कि उसकी उम्र और परिस्थितियां अपराध की गंभीरता को कम नहीं कर सकतीं। इसके साथ ही, ग्रीष्मा के चाचा निर्मलाकुमारण नायर को सबूत मिटाने के आरोप में तीन साल जेल की सजा सुनाई गई। ग्रीष्मा की मां सिंधु को सबूतों की कमी के कारण बरी कर दिया गया।
टॉनिक में मिलकर दिया था जहर
अक्टूबर 2022 में ग्रीष्मा ने शेरोन को अपने घर बुलाकर उसे आयुर्वेदिक टॉनिक में पैराक्वाट नामक खतरनाक जहर मिला कर पिला दिया। शेरोन की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इस्लाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अभियोजन पक्ष ने यह भी बताया कि ग्रीष्मा ने इससे पहले भी शेरोन को मारने की कोशिश की थी, जब उसने जूस में पैरासिटामॉल की गोलियां मिलाकर शेरोन को पिलाने का प्रयास किया था।
फैसले का किया स्वागत
शेरोन के माता-पिता ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया, लेकिन ग्रीष्मा की मां सिंधु के बरी होने से वे निराश हैं। उनका मानना है कि सिंधु भी इस अपराध में सहायक थीं। वे अब फैसले के खिलाफ अपील करने की योजना बना रहे हैं। शेरोन के माता-पिता ने कहा कि यह सजा सिर्फ ग्रीष्मा के लिए नहीं, बल्कि समाज में ऐसे अपराधों के खिलाफ कड़ा संदेश देने के लिए है।
ग्रीष्मा के वकील ने बचाव में दिया ये तर्क
ग्रीष्मा के वकील ने उसकी उम्र, शिक्षा और कोई अपराध रिकॉर्ड न होने का हवाला देते हुए सजा में कमी की अपील की थी। लेकिन अदालत ने इस तर्क को अस्वीकार करते हुए कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए ये तर्क अप्रासंगिक हैं। अदालत के इस फैसले ने न्यायिक प्रणाली में जनता का विश्वास और मजबूत किया है।