रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाला मामले में CBI ने पहले से ही गिरफ्तार पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के भतीजे साहिल के साथ ही शशांक गोयल और भूमिका कटियार को गिरफ्तार कर विशेष कोर्ट में पेश किया।
सीबीआई द्वारा गिरफ्तार शशांक गोयल और भूमिका कटियार, बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल के बेटे और बहु हैं। इससे पहले डिप्टी कलेक्टर पद पर चयन को लेकर सीबीआई ने भूमिका से पूछताछ की थी, जिसके बाद यह गिरफ्तारी की गई है। शनिवार को CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के भतीजे नितेश सोनवानी और पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गनवीर को गिरफ्तार किया था।
कंपनी के सीएसआर फंड से दी गई रिश्वत
अब तक की जांच से खुलासा हुआ है कि CGPSC के चेयरमैन रहे पूर्व IAS अफसर टामन सिंह की पत्नी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पदमिनी सोनवानी हैं और उनका एक NGO ग्रामीण विकास समिति है। इसमें एसके गोयल ने दो किस्तों में 20 लाख और 25 लाख रुपए जमा किए। ये पैसा श्री बजरंग पावर एंड इस्पात कंपनी के CSR फंड से देना बताया गया। इन्ही पैसों से सोनवानी ने पैतृक गांव में स्कूल बनवाया है।
विशेष कोर्ट में पेश की गई सीबीआई की डायरी में कहा गया है कि श्री बजरंग पावर एंड इस्पात ने सीएसआर मद में ग्रामीण विकास समिति नाम के एनजीओ को 45 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। सोनवानी की पत्नी इसी एनजीओ की अध्यक्ष हैं।
श्रवण गोयल ने निभाई थी बिचौलिए की भूमिका
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के बहुचर्चित भर्ती घोटाले के तार मप्र के शिवपुरी जिले के कोलारस से भी जुड़े हुए हैं। कोलारस निवासी कारोबारी श्रवण गोयल ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग से न केवल अपने बहू-बेटा को उप जिलाधीश बनवाया, बल्कि पीएससी घोटाले में बिचौलिए की भूमिका निभाई थी। सीबीआई भूपेश बघेल के कार्यकाल में हुई पीएससी भर्ती की जांच कर रही है।
बताया जाता है कि करीब 150 लोगों को गोयल और सोनवानी ने मोटी रकम लेकर गलत तरीके से पीएससी में चयनित कराया।
किराना कारोबारी से बने उद्योगपति
मप्र के शिवपुरी जिले के कोलारस कस्बे में श्रवण गोयल के पिता किराने की दुकान किया करते थे। श्रवण गोयल इंजीनियरिंग करने के बाद एक प्राइवेट कम्पनी में काम करने लगे। 2000 में छत्तीसगढ़ बनने के बाद वह रायपुर में बस गए और उन्होंने बजरंग पावर नामक एक कम्पनी बना ली। गोयल ने कांग्रेस सरकार के दौरान खूब पैसा कमाया और नेताओं के अलावा भूपेश बघेल सरकार के कुछ ताकतवर अफसरों से दोस्ती गांठ ली। इसी दौरान गोयल पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के सम्पर्क में आये, जिन्हें सीबीआई ने गोयल के साथ पीएससी भर्ती कांड में गिरफ्तार किया है।
गोयल पर आरोप है कि उन्होंने न केवल अपने बेटे और बहू को डिप्टी कलेक्टर बनबाया, बल्कि 2021 एवं 2020 बैच की पीएससी भर्ती में बड़ी संख्या में चेयरमैन सोनवानी के बिचौलिये की भूमिका भी निभाई।
कोलारस में मनाया गया था जश्न
श्रवण गोयल का परिवार अभी भी कोलारस में रहता है। उनके एक भाई किराने की परंपरागत दुकान करते है। एक अन्य भाई इरिगेशन में इंजीनियर रहे हैं। जब श्रवण के बेटे शशांक और बहू भूमिका का चयन 2021 बैच पीएससी में एक साथ हुआ तो पूरे कोलारस में जश्न मनाया गया। स्थानीय अखबारों में शशांक और भूमिका की सफलता के किस्से प्रकाशित हुए थे।
युवाओं के भविष्य पर डाका
PSC में हुए इस फर्जीवाड़े ने छत्तीसगढ़ के सैकड़ों युवाओं के भविष्य पर डाका डाल दिया। इसमें चयन हुआ तो अध्यक्ष, राजनेता और अफसरों के भाई भतीजों और पुत्रो का। 2021 में परीक्षा हुई 2023 में रिजल्ट आया। रिजल्ट आते ही ये विवादों में घिर गया और इस पर सवाल खड़े हो गए। इस भर्ती में नेताओं, दलालों, अधिकारियों के बेटे बेटियां, रिश्तेदार के नाम शामिल होने पर भाजपा नेता ननकीराम कंवर ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की थी।