रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने साय सरकार को मजदूर विरोधी करार देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में पिछले 13 महीने में 10 लाख से ज्यादा मनरेगा के पंजीकृत मजदूरों का नाम दुर्भावना पूर्वक हटा दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा से प्राप्त राशि ग्रामीणों के लिए आजीविका का एक बड़ा साधन है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के समय छत्तीसगढ़ में 78 लाख से अधिक मजदूर मनरेगा के अंतर्गत पंजीकृत थे, लेकिन वर्तमान में पूरे प्रदेश में केवल 65 लाख मजदूर ही सक्रिय हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि इसी तरह से ही पिछले 13 महीने में 29 लाख से ज्यादा महतारी वंदन योजना की महिला हितग्राहियों को अपात्र कर दिया गया है। हजारों पात्र महिला हितग्राहियों का भुगतान बिना कारण बताएं रोक दिया गया है। साय सरकार में महतारी वंदन योजना के तहत गड़बड़ियां रोज उजागर हो रही है। सत्ता के संरक्षण में अपात्र लोग लाभ ले रहे हैं और पात्र महिलाएं योजना से वंचित हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा की सरकारों का फोकस केवल अपने पूंजीपति मित्रों के मुनाफे पर केंद्रित होता है। रोजगार गारंटी योजना जो डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार ने लागू किया था, यह दुनिया का एकमात्र ऐसा कानून है जिसमें पंजीकृत श्रमिकों को 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकारों की दुर्भावना के चलते 100 दिन तो दूर 20 दिन का रोजगार भी सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है। केंद्र की सरकार ने हर साल औसतन 15 से 25 प्रतिशत की कटौती मनरेगा के केंद्रीय बजट में किया है, जिसके चलते मजदूरों के अधिकारों में लगातार कटौती की जा रही है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार मजदूर विरोधी है, महिला विरोधी है।

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