महाकुंभ नगर। संगम की पावन धर्म धरा पर आयोजित महाकुंभ के सबसे बड़े अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर मंगलवार रात हुए अमंगल में मृतकों की संख्या 30 पहुंच गई है। महाकुंभ मेला पुलिस ने इसकी पुष्टि की। डीआइजी वैभव कृष्ण ने बताया कि भगदड़ में कुल 90 श्रद्धालु घायल हुए थे, जिसमें 30 की मौत हो गई।
25 मृतकों की हुई पहचान
हादसे में घायल 60 श्रद्धालुओं में 36 का अस्पताल में इलाज चल रहा है जबकि 24 स्नानार्थियों को उनके घर भेज दिया गया। मृतकों में 25 की पहचान हो गई है जबकि पांच की अभी शिनाख्त नहीं हो सकी है। मरने वालों में उत्तर प्रदेश के 24 लोग तथा कर्नाटक के चार और असम व गुजरात के एक-एक लोग थे।
इस वजह से मची भगदड़
महाकुंभ के मीडिया सेंटर में मेलाधिकारी विजय किरन आनंद के साथ पहुंचे डीआइजी महाकुंभ नगर वैभव कृष्ण ने सबसे पहले भगदड़ की वजह बताई। उन्होंने कहा कि मंगलवार आधी रात के करीब संगम तट पर भारी भीड़ का दबाव बन गया था।
लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर ब्रह्म मुहूर्त में पावन संगम में पुण्य की डुबकी लगाने की प्रतीक्षा कर रहे थे। बड़ी संख्या में लोग लोग लेटे थे। उसी बीच अचानक भीड़ का अतिरिक्त दबाव बन गया, जिससे अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए बनाए गए राजसी पथ की बैरिकेडिंग टूट गई और भीड़ आगे बढ़ते हुए स्नान करने की प्रतीक्षा कर रहे श्रद्धालुओं पर चढ़ गई।
इससे वहां भारी अफरा-तफरा मच गई। तट पर जो लोग प्रतीक्षा में लेटे थे, वे दबते गए। वहां मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने फौरन राहत कार्य शुरू करा दिया। लगभग 90 घायलों को एंबुलेंस से महाकुंभ मेला के केंद्रीय अस्पताल में पहुंचाया गया, जहां 30 को मृत घोषित कर दिया गया। अज्ञात पांच शवों की पहचान की कोशिश की जा रही है।
खास बात
01 बजे रात के बाद संगम तट पर भीड़ के दबाव से मच गई थी भगदड़
04 श्रद्धालुओं की मौत हुई कर्नाटक के, एक-एक असम और गुजरात के
12 लाख से ज्यादा श्रद्धालु सिर्फ संगम तट पर थे आधी रात के समय
03 बजे भोर में था मौनी अमावस्या के अमृत स्नान का ब्रह्म मुहूर्त
मौनी पर नहीं अटेंड किया गया वीआइपी प्रोटोकाल
डीआइजी महाकुंभ ने बताया कि अमृत स्नान पर्व पर वीआइपी को प्रोटोकाल न देने के लिए प्रदेश सरकार के पहले से कड़े निर्देश दिए गए थे, जिसके क्रम में किसी वीआइपी का प्रोटोकाल अटेंड नहीं किया गया। इस हादसे को लेकर सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तंज किया है कि यह वीआइपी कल्चर की देन है।
किसी तरह की लापरवाही नही
डीआइजी ने कहा कि पुलिस और प्रशासन की तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरती गई। भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया था कि बैरिकेडिंग टूटी और श्रद्धालुओं पर भीड़ चढ़ती चली गई। घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने हर स्तर पर सक्रियता बरती।ग्रीन कारिडोर बनाकर घायलों को अस्पताल तक पहुंचाया गया।
फिर जारी किए आवश्यक फोन नंंबर
हेल्पलाइन नंबर -1920
प्रयागराज मेला प्राधिकरण- 0532-2504011 0532-2500775
महाकुंभ वाट्सएप चैटबाट – 08887847135
महाकुंभ फायर हेल्पलाइन -1945
महाकुंभ फूड एंड सप्लाई हेल्पलाइन- 1010
महाकुंभ एंबुलेंस- 102 व 108
खोया-पाया हेल्पलाइन- 0532-2504011 0532-2500775
महाकुंभ मेला पुलिस हेल्पलाइन 1944
महाकुंभ डिजास्टर हेल्पलाइन 1077