बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में एक शिक्षिका पर बड़ी कार्यवाही की गई है। शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला, भनसुली में पदस्थ शिक्षिका कुमारी वर्मा को रील बनाने की वजह से निलंबित कर दिया गया है। बच्चों ने आरोप लगाया कि शिक्षिका उन्हें पढ़ाने की बजाय रील बनाने के लिए मजबूर करती थी और जो मना करता, उसे स्कूल से निकालने की धमकी देती थी। यह खबर मीडिया में आने के बाद कलेक्टर ने कठोर कार्रवाई की।
मैडम पर लगाया प्रताड़ना का आरोप
यह मामला तब उजागर हुआ जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें शिक्षिका रील बनाने में व्यस्त नजर आ रही थी, जबकि बच्चों को पढ़ाई का समय मिलना चाहिए था। मीडिया कर्मियों के समक्ष बच्चों ने कहा कि मैडम हमें प्रताड़ित करती हैं। एक बार तो म्यूजिक सिस्टम फेंककर उन्होंने मारने की कोशिश की थी। इतना ही नहीं मैम हमें गंदा गंदा गाली देती हैं। हाथ–पैर तोड़ने की धमकी देती हैं।
कलेक्टर को बताई अपनी परेशानी
मामला प्रकाश में आने के बाद कुछ बच्चों ने कलेक्टर से शिकायत की, और बताया कि रील बनाने से मना करने पर उन्हें टर्मिनेशन सर्टिफिकेट (TC) देने की धमकी दी जाती है। वहीं टीसी काटने पर छत्तीसगढ़ के किसी स्कूल में एडमिशन नहीं मिलने की बात कहती थीं। छात्राओं ने अपनी परेशानियां रोते हुए साझा की थीं।
नाराज कलेक्टर ने इस मामले जांच का आदेश दिया तब जिला शिक्षा विभाग में हलचल मच गई और अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू की। शिकायत की पुष्टि हुई और रिपोर्ट मिलने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया है।
शिक्षिका की इस हरकत पर जिला शिक्षा विभाग में हलचल मच गई और अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू की। जांच के बाद शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया है और संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग ने सस्पेंड का आदेश जारी किया।
जांच रिपोर्ट में क्या आया सामने ?
महिला शिक्षिका के खिलाफ कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक की तरफ से एक आदेश जारी किया गया। शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला भनसूली की 6 वी 7वी 8वी के विद्यार्थियों और गांव के सरपंच का बयान लिया गया। इस बयान में विद्यार्थियों और सरपंच ने बताया कि महिला शिक्षिका कुमारी वर्मा स्कूल से गैर हाजिर रहती थी। पढ़ाने में रूचि नहीं लेती थी। रील्स नहीं बनाने पर बच्चों को धमकाती थी। इस शिकायत की पुष्टि हुई। जिसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई हुई है। उन पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण अधिनियम 1965 के नियम तीन के तहत एक्शन हुआ है. कदाचार की शिकायत और उसकी पुष्टि होने पर उन्हें निलंबित किया गया है. वह मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी साजा से अटैच किया गया है।
ऐसे शिक्षकों के लिए भी खतरे की घंटी
आमतौर पर यह शिकायत मिलती ही रहती है कि स्कूल में अध्ययन अध्यापन के दौरान टीचर्स क्लास रूम में भी मोबाइल पर गेम खेलते नजर आ जाते हैं। मोबाइल के जरिए सोशल मीडिया में उनकी सक्रियता भी नजर आती है। ऐसे टीचर्स के लिए भी इस तरह की कार्रवाई खतरे की घंटी साबित हो सकती है। राज्य शासन का स्पष्ट निर्देश है कि पढ़ाई व स्कूल कार्य के दौरान कोई भी टीचर मोबाइल का उपयोग नहीं करेगा।