नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। इस दौरान अदालत ने ईडी के सामने सवालों की झड़ी लगा दी। इससे पहले अक्टूबर में भी अदालत ने ईडी की जमकर खिंचाई की थी।
प्रवर्तन निदेशाल (ED) द्वारा पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को गिरफ्तार करने के तरीके पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया और इसे परेशान करने वाली चीज कहा। कोर्ट ने नोट किया कि टुटेजा को एक के बाद एक लगातार नोटिस पूछताछ के लिए भेजे गए और उनसे रात भर पूछताछ की गई फिर सुबह चार बजे गिरफ्तार दिखाया गया। अदालत ने कहा कि इस तरह का चलन गलत है।
‘ED के वकील ने दी सफाई’
ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ने कहा कि ऐसी चीजों को रोकने के लिए उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने 29 अक्टूबर 2024 को जारी ईडी की प्रेस रिलीज का हवाला दिया। इसमें गिरफ्तारी और पूछताछ के बारे में निर्देश जारी किए गए थे। ये टिप्पणियां न्यायमूर्ति अभय एस ओक और जस्टिस अगस्टिन जार्ज मसीह की पीठ ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी अनिल टुटेजा की याचिका पर सुनवाई के दौरान कीं।
पहले भी ईडी की हो चुकी खिंचाई
कोर्ट ने बाद में जमानत अर्जी दाखिल करने की छूट देते हुए टुटेजा को विशेष अनुमति याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी। गत अक्टूबर में भी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टुटेजा की गिरफ्तारी के तरीके पर ईडी की खिंचाई की थी। इस बार कोर्ट ने कहा कि हमें एक परेशान करने वाली बात दर्ज करनी चाहिए।
ED ने अपनाया यह तरीका
बताया गया कि याचिकाकर्ता (अनिल टुटेजा) 20 अप्रैल 2024 को शाम करीब 4:30 बजे रायपुर में एसीबी कार्यालय में बैठा था। सबसे पहले उसे रात 12 बजे ईडी के सामने पेश होने का समन भेजा गया। जब वह एसीबी कार्यालय में था तब उसे एक और समन भेजा गया। इसमें शाम 5:30 बजे ईडी के समक्ष पेश होने को कहा गया। इसके बाद उसे वैन में ईडी कार्यालय ले जाया गया। ईडी ने उससे सारी रात पूछताछ की और सुबह चार बजे उसे गिरफ्तार दिखाया गया। कोर्ट ने कहा- यह अक्षम्य प्रथाएं हैं
पीठ ने समन जारी करने और रातभर पूछताछ करने में ईडी द्वारा दिखाई गई तत्परता पर सवाल उठाया और कहा कि इस तरह की प्रथाएं अक्षम्य हैं। कोर्ट की टिप्पणियों पर ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि इस तरह की प्रथाओं को रोकने के लिए उपाय किए जा रहे हैं। एएसजी ने इस संबंध में ईडी द्वारा 29 अक्टूबर 2024 को जारी प्रेस रिलीज का हवाला दिया। इसमें गिरफ्तारी और पूछताछ के बारे में निर्देश जारी किए गए थे।
जमानत अर्जी दाखिल करेंगे टुटेजा
रिलीज में बाम्बे हाई कोर्ट के राम कोटूमल इसरानी के मामले में 15 अप्रैल 2024 को दिए आदेश का हवाला दिया गया था। हालांकि टुटेजा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका वापस लेने की इजाजत मांगी। उन्होंने कहा कि वह जमानत अर्जी दाखिल करेंगे। कोर्ट ने छूट देते हुए याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी।
सुनवाई के दौरान पीठ ने निर्देश दिया है कि “जमानत के लिए आवेदन करने की स्वतंत्रता के साथ एसएलपी को वापस ले लिया गया है और यदि मामले के विशिष्ट तथ्यों पर विचार करते हुए ऐसा कोई आवेदन किया जाता है तो संबंधित विशेष अदालत जमानत आवेदन के निपटान में आवश्यक प्राथमिकता देगी।
बहस के दौरान सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आठ अप्रैल 2024 को ईडी द्वारा टुटेजा के खिलाफ दर्ज की गई पहली ईसीआईआर खारिज कर दी थी और ईडी ने तीन दिन बाद उन्हीं तथ्यों और सामग्री के आधार पर नयी ईसीआईआर दर्ज कर ली। इस पर पीठ ने पूछा कि क्या ईडी उसी सामग्री के आधार पर नयी ईसीआईआर दर्ज कर सकती है। ईडी की ओर से एसवी राजू ने कहा कि सामग्री रिकॉर्ड पर मौजूद है।