0 पुलिस ने मुख्य आरोपी को गुजरात के भरूच से किया गिरफ्तार

इंदौर। इन्वेस्टमेंट के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह को पकड़ने में इंदौर क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता हाथ लगी है। टीम ने इस अंतर्राज्यीय गैंग का पर्दाफाश किया है। साथ ही गिरोह के एक और सदस्य को गिफ्तार किया है। इस गैंग ने निवेश के नाम पर इंदौर से करीब 4.81 करोड़ रुपए की ठगी की थी। अब तक क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरोह से जुड़े पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी नागपुर (महाराष्ट्र), रायपुर (छत्तीसगढ़), सूरत और भरूच (गुजरात) से गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

हीरेन है गैंग का सक्रिय सदस्य

पुलिस ने बताया कि गुजरात में पकड़ा गया आरोपी हीरेन पटेल (37) गैंग का सक्रिय सदस्य है, जो फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल कर ठगी की रकम दुबई में गैंग के सरगनाओं तक पहुंचाता था। दरअसल, फरियादी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया, जहां गैंग के सदस्यों ने फॉरेक्स ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का लालच दिया।

फर्जी सॉफ्टवेयर कराया डाउनलोड

आरोपी ने फरियादी को Mstock Max नामक सॉफ्टवेयर डाउनलोड करवाया, जिसमें फर्जी प्रॉफिट दिखाया गया। शुरुआत में 10,000 रुपए के निवेश पर 40,000 रुपए का फर्जी प्रॉफिट दिखाकर, उन्हें लालच दिया गया। इसके बाद फरियादी ने गैंग के बताए बैंक खातों में 4.85 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए।

16 करोड़ रुपए का दिखाया फायदा

सॉफ्टवेयर में 16 करोड़ रुपए का फर्जी प्रॉफिट दिखाने के बाद जब फरियादी ने पैसे निकालने का प्रयास किया, तो राशि विड्रॉल नहीं हुई और गैंग ने उनसे संपर्क तोड़ दिया।

पूर्व में पकड़े गए ये आरोपी

पुलिस ने सर्विलांस के जरिए छानबीन की और गिरोह का पता लगाया। इस मामले में अब तक आर्यन गुप्ता पिता नरेश निवासी नागपुर महाराष्ट्र, मोहम्मद फेज पिता शकील निवासी मोती नगर, रायपुर छत्तीसगढ़, मोहम्मद आमिर पिता फिरोज जाटू निवासी लैंड नगर, नागपुर, महाराष्ट्र, सोहेल पिता अय्यूब खान निवासी सूरत (गुजरात) को गिरफ्तार किया गया था।

हीरेन को पकड़ने करनी पड़ी मशक्कत

इस मामले में मुख्य आरोपी को गुजरात से पकड़ने के लिए टीम टेक्निकल एविडेंस के आधार पर आगे पहुंची और दस दिन तक वहीं रुकी। इस दौरान हीरेन पटेल (37) पिता ईश्वर भाई पटेल, निवासी अंकलेश्वर, जिला भरूच (गुजरात) को गिरफ्तार किया। वह कसोल गांव में अपना नाम बदलकर नरेंद्र पटेल के नाम से रह रहा था। जो इसके घर से 250 किमी दूर है। वह एक या दो दिन के लिए घर आता था, बाकी समय वहीं रहता था।

MBA की पढ़ाई की है हीरेन ने

टीम ने हीरेन को पकड़ा तो उसने बताया कि वह एमबीए कर चुका है और वह जीएसटी से संबंधित काम करता है। उसने अकाउंट खोलने के लिए फर्जी कंपनी बनाई थी। कंपनी के खाते में जो 50 लाख रुपए आए थे उसमें से 30 लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से दुबई में बैठे रुबल नामक व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर किए और बाकी के 20 लाख भी अन्य माध्यम से उसने रुबल को पहुंचाए है।

पीड़ित के 75 लाख रुपए हुए रिकवर

इस मामले में क्राइम ब्रांच की टीम ने फरियादी के 75 लाख रुपए रिकवर करा दिए हैं और 70 लाख रुपए प्रोसेस में जो कोर्ट के माध्यम से जल्द ही फरियादी को मिल जाएंगे और भी आरोपियों की तलाश जारी है।

इंदौर पुलिस द्वारा पकड़ा गया एक आरोपी रायपुर का निकला। दरअसल इस तरह की ठगी में तकनीक के जानकारों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पुलिस द्वारा पूर्व में पकड़े जाने के बाद इस तरह के फ्रॉड में शामिल लोग जेल में आपस में संबंध बनाकर नया गिरोह तैयार कर लेते हैं। ऐसा ही कुछ इंदौर क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़े गए गिरोह में भी हुआ है।

पुलिस ने दी ये साइबर एडवाइजरी

1. मुनाफे के लालच में किसी भी निवेश योजना पर आंख बंद कर भरोसा न करें।

2. किसी सॉफ्टवेयर या एप्लिकेशन को बिना जांच-पड़ताल के डाउनलोड न करें।

3. अपने ट्रेडिंग अकाउंट की जानकारी साझा करने से बचें।

4. फ्रॉड होने पर तुरंत अपने नजदीकी थाने, Ncrb पोर्टल/1930 या पुलिस की साइबर हेल्पलाइन पर संपर्क करें

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