रायपुर। पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (PRSI) के 46 वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान छत्तीसगढ़ की पांच विभूतियों को प्राइड ऑफ़ छत्तीसगढ़ सम्मान से विभूषित किया गया है। सम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने पद्मश्री डॉक्टर भारती बंधु को कबीर गायन एवं संगीत के क्षेत्र में, वरिष्ठ पत्रकार हिमांशु द्विवेदी, अनस्क्रिप्टेड यूट्यूब चैनल की संपादक डॉक्टर कीर्ति सिसोदिया, डॉक्टर आलोक कुमार चकवाल, कुलपति गुरु घसीदास विश्वविद्यालय, पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त एवं साहित्यकार डॉक्टर सुशील त्रिवेदी को उपमुख्यमंत्री  विजय शर्मा ने सम्मानित किया। इन विभूतियों के सम्मान को PRSI का सम्मान बताते हुए इन्हें छत्तीसगढ़ की धरोहर निरूपित किया।

सम्मान समारोह के दौरान PRSI के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अजीत पाठक, महासचिव पी एल के मूर्ति, रायपुर चैप्टर के अध्यक्ष डॉक्टर शाहिद अली प्रमुख रूप से मौजूद थे। छत्तीसगढ़ में पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया का यह पहला राष्ट्रीय अधिवेशन है। इस दौरान जनसंपर्क क्षेत्र उल्लेखनीय कार्यों के लिए देश भर के जनसंपर्क क्षेत्र के संस्थाओं को 37 विभिन्न वर्गों में सम्मान दिया जा रहा है। सम्मेलन में देश भर के 200 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

डॉ संजय द्विवेदी ने सम्मेलन को बताया कुंभ

डॉ संजय द्विवेदी ने 46वें राष्ट्रीय जनसंपर्क सम्मेलन में कहा कि यह सम्मेलन हमारे लिए एक ‘कुंभ’ के समान है, जिसमें विचारों का आदान-प्रदान और ज्ञान की साझा प्रक्रिया होती है। उन्होंने यह भी कहा कि जनसंपर्क संवाद युक्त समाज का निर्माण करता है, जो समाज में समझ और सहयोग को बढ़ाता है। इसके माध्यम से हम लोगों के बीच सामंजस्य और सशक्त संबंध स्थापित करते हैं।

डॉ. द्विवेदी ने यह उल्लेख किया कि भारतीय सभ्यता में हम विश्व के पहले कहानीकार हैं, और हमारी कहानियाँ ना केवल मनोरंजन का साधन होती थीं, बल्कि समाज के नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों को भी प्रकट करती थीं। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय ज्ञान की प्रकृति पर जोर दिया, यह कहते हुए कि हम पेटेंटवादी नहीं हैं, बल्कि हमारा ज्ञान और विरासत मानवता की भलाई के लिए है। इस प्रकार, जनसंपर्क सम्मेलन में भारतीय समाज की सामूहिकता और ज्ञान के महत्व को प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया।

पहले तकनीकी सत्र में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार विश्वेष ठाकरे ने अपने उद्बोधन में कहा कि जनसंपर्क में विनम्रता अत्यंत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह संवाद को सकारात्मक और प्रभावी बनाता है। पत्रकारिता में तटस्थता की आवश्यकता इसलिए है ताकि जानकारी सही, निष्पक्ष और बिना किसी पक्षपाती नजरिए के प्रस्तुत की जा सके। इस तरह से समाज में विश्वास और सामंजस्य बनाए रखा जा सकता है।


आजकल सोशल मीडिया एक प्रमुख प्लेटफॉर्म बन गया है जहां लोग जल्दी और व्यापक रूप से संवाद करते हैं। यह जनसंपर्क और संचार के क्षेत्र में एक शक्तिशाली उपकरण बन चुका है, जो कंपनियों, संगठनों और व्यक्तियों को अपने संदेशों को बड़े पैमाने पर फैलाने में मदद करता है। उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ संबंधों की उर्वर भूमि है, समृद्ध सांस्कृतिक और सामाजिक विविधताओं से भरपूर राज्य है, जहां परस्पर सम्मान और सहयोग की भावना गहरी है। यहाँ की सांस्कृतिक धारा और मिलजुल कर रहने की प्रवृत्ति सामाजिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में सहायक है।

नंदकुमार साय भी सम्मेलन में हुए शामिल

इस सम्मेलन में वरिष्ठ आदिवासी नेता नन्द कुमार साय भी पहुंचे। उन्होंने इस आयोजन की सराहना की और जनसंपर्क का राजनैतिक जीवन में महत्व भी बताया।

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