0 झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ चल रहा है बड़ा जन आंदोलन

बीजापुर। बीजापुर के तिम्मापुर में एक महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की हत्या के चौबीस घंटे भी नहीं हुए थे कि नक्सलियों ने एक और महिला की मुखबिरी के नाम पर गला घोंटकर हत्या कर दी है। इस वारदात में नक्सलियों ने महिला के पति को डंडों से बेरहमी से पीटा। नक्सलियों द्वारा बीते तीन दिनों में दो पूर्व सरपंच व दो महिलाओं की हत्या से इलाके में दहशत का माहौल है।

जन अदालत लगाकर पति के सामने मार डाला

बीजापुर के मद्देड़ थाना क्षेत्र के ग्राम लोदेड़ से सुबह 8 बजे नक्सलियों ने महिला सुकरा यालम और उसके पति रामैया यालम का अपहरण कर अपने साथ गांव से 3 किलोमीटर दूर जंगल ले गए। यहां जनअदालत लगाकर माओवादियों ने महिला पर पुलिस की मुखबिरी का आरोप लगाया। जनअदालत में सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी में पहले महिला के पति की बुरी तरह से पिटाई की गई। इसके बाद पति के सामने ही महिला की गला घोंटकर हत्या कर दी।

तेलंगाना पुलिस की मुखबिरी का लगाया आरोप

नक्सलियों ने महिला सुकरा पर तेलंगाना पुलिस के लिए मुखबिरी करने का आरोप लगाते हुए, रस्सी से उसका गला घोंटकर उसकी निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी। वहीं, नक्सलियों ने सुकरा के पति रामैया को डंडों से पीटकर उसे रिहा कर दिया। माओवादियों ने शव के पास पर्चे भी फेंके हैं। जिसमें लिखा है कि दोनों पति-पत्नी साल 2017 से तेलंगाना पुलिस के लिए मुखबिरी का काम कर रहे थे। समझाइश देने के बाद भी नहीं माने। इसलिए मौत की सजा दी।

झारखण्ड में लोगों ने दो नक्सलियों का किया ‘सेंदरा’

उधर झारखंड नक्सलियों के आतंक से परेशान लोगों ने अब जन आंदोलन शुरू कर दिया है। पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी-गोइलकेरा इलाके में नक्सलियों के खिलाफ क्षेत्र के लोगों ने जन आंदोलन की शुरुआत की। इस इलाके में उग्रवादियों के खिलाफ अब तक के सबसे बड़े जन आंदोलन में दर्जनों गांव के हजारों लोग तीर-धनुष लेकर अभियान चला रहे हैं।

नक्सलियों की आपराधिक घटनाओं से आक्रोशित ग्रामीणों ने पीएलएफआई नक्सली कमांडर मेटा टाइगर और उसके एक सहयोगी का ‘सेंदरा’ (पीट-पीटकर हत्या) कर दिया। जनजातीय समाज में ‘सेंदरा’’ का अर्थ ‘शिकार’ करना है।

स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार हजारों ग्रामीण पारंपरिक हथियार के साथ सड़क पर उतर गए हैं। वे पिछले कई दिनों से इलाकों में पहाड़ी के 40 किलोमीटर दायरे में ऑपरेशन सेंदरा चला रहे हैं। इसी कड़ी में ग्रामीणों ने पीएलएफआई के ग्रुप लीडर मेटा टाइगर को तीर से मार गिराया। इसके साथ ही उसका एक अन्य सहयोगी भी मारा गया। मेटा टाइगर पूर्व नक्सली शनिचर सुरीन का भतीजा था।

नक्सलियों के गांवों में घुसने पर लगाई रोक

नक्सलियों के आतंक से त्रस्त ग्रामीणों ने ऐलान कर दिया है कि हथियार दिखाकर खौफ फैलाने वालों को गांवों में घुसने नहीं दिया जाएगा। तीर-धनुष, भाला, कुल्हाड़ी सहित अन्य परंपरागत हथियारों से लैस करीब 50 गांवों के लोग पीएलएफआई संगठन के नक्सलियों की तलाश में जुटे हैं। तनाव की स्थिति को देखते हुए पुलिस सतर्कता बरत रही है।

दो लोगों की हत्या से गुस्से में हैं ग्रामीण

पीएलएफआई के नक्सलियों ने हाल के दिनों में गांवों में कई निर्दाेष लोगों को निशाना बनाया था। 24 नवंबर को गिरू गांव में रवि तांती और सनसा टोपनो की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। इस दौरान परिवार के अन्य सदस्यों ने भाग कर जान बचायी। इस घटना को अंजाम देने वालों में पीएलएफआई कमांडर मोटा टाइगर और गोमिया का नाम सामने आया था।

हमले के दौरान कई नक्सलियों को पीटा

इस घटना के बाद समूहों में लोग परंपरागत हथियारों के साथ नक्सलियों की तलाश में निकले। टोडेल-कोमाय जंगल में पीएलएफआई कमांडर मोटा टाइगर और उसके साथी बैठक कर रहे थे। ग्रामीणों ने घेराबंदी कर उनकी जबरदस्त पिटाई की। सूचना के अनुसार, मोटा टाइगर और उसके एक साथी ने दम तोड़ दिया है। कई अन्य नक्सलियों की पिटाई हुई है। घटना की सूचना मिलने पर सोनुवा, आनंदपुर, गोईलकेरा और गुदड़ी थाने की पुलिस जंगल के पास कैंप कर रही है।

डीजीपी ने कहा – ग्रामीण हो रहे हैं जागरूक

दूसरी तरफ झारखंड के पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता रविवार को पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा पहुंचे। यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पूरे देश से अब नक्सलियों का सफाया हो रहा है। ग्रामीण भी अब जागरूक हो रहे हैं और पुलिस का पूरा सहयोग कर रहे हैं।

चाईबासा रेंज के डीआईजी मनोज रतन चोथे ने स्वीकार किया है कि किसी वारदात को अंजाम देने आए पीएलएफआई के कमांडर के मारे जाने की सूचना है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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