जशपुर। मुख्यमंत्री के गृहजिले जशपुर से ऐसी खबर सामने आयी है, जिसे पढ़कर हर कोई हैरान है। अक्सर स्कूलों में शिक्षकों के मदिरापान कर ड्यूटी में पहुंचने की खबरें आती रहती हैं, मगर इस बार एक प्रधान पाठिका के नशे में स्कूल आने की खबर सामने आयी है। इससे परेशान ग्रामीणों ने मामले की शिकायत CM के कैंप में की, जिसके बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और जांच करते हुए उसे निलंबित कर दिया। इसी तरह एक अन्य नशेबाज शिक्षक पर भी विभाग ने कार्यवाही की है।
जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला दर्रापारा के सहायक अध्यापक अनूप डिपॉल टोप्पो और प्राथमिक शाला कोड़ेकेला की महिला प्रधान पाठक रिजे लकड़ा को विद्यालय में शराब पीकर आने पर निलिंबित किया गया है।
चेतावनी के बाद भी जारी रही नशेबाजी
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है दोनों शिक्षकों को कई बार इसको लेकर चेतावनी भी दी गई, बावजूद इसके दोनों अपनी हरकतों से बाज नहीं आए। प्रधान पाठिका रिजे लकड़ा के विद्यालय में शराब पीकर आने की जानकारी मिलने पर विभाग को शिकायत की गई थी।
CM कैंप में ग्रामीणों ने की शिकायत
प्रधान पाठिका और सहायक शिक्षक के नशे की हालत में स्कूल आने की शिकायत लंबे समय से की जा रही थी, मगर कोई कार्यवाही नहीं होने से ग्रामीणों में मुख्यमंत्री के गृहग्राम बगिया में स्थापित CM कैंप में इसकी शिकायत कर दी। जिसके बाद DEO जशपुर ने तत्काल जांच का निर्देश दिया।
निरीक्षण के दौरान भी नशे में मिले शिक्षक
DEO के निर्देश पर पत्थलगांव के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने जांच टीम गठित की। औचक निरीक्षण के दौरान भी टीम ने प्रधान पाठिका को शराब पीए हुए पाया, और इसकी रिपोर्ट ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को दी। शिकायत की पुष्टि होने पर बीईओ ने कारण बताओ नोटिस जारी किया, मगर महिला प्रधान पाठक किसी भी प्रकार का जवाब प्रस्तुत नहीं कर पाई।
वहीं, प्राथमिक शाला दर्रापारा में सहायक शिक्षक अनूप डिपॉल टोप्पो के भी विद्यालयीन समय मे शराब पीकर आने की शिकायत की पुष्टि हुई, जिसके बाद इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जिसका संतोष जनक जबाब नहीं मिला। दोनों मामलों में BEO ने विभाग प्रमुख के समक्ष कार्यवाही के लिए प्रीतिवेदन प्रस्तुत किया, जिसके आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार भटनागर ने दोनों शिक्षकों को तत्काल निलंबित कर दिया।
नशामुक्ति का अभियान नहीं हुआ कारगर
आदिवासी बाहुल्य जिला जशपुर में लोगों के बीच परंपरा के नाम पर नशापान करने की प्रवृत्ति काफी ज्यादा है। नशे की आदत के चलते जिले में आये दिन शिक्षकों पर कार्रवाई की खबरें आती रहती है। इसे देखते हुए प्रशासन ने ऐसे शिक्षकों को नशामुक्ति के लिए प्रेरित करने कैंप भी लगाया। इस तरह के कैंप अगर कारगर होते तो जिले के स्कूलों में शिक्षकों के नशे में ड्यूटी पर आने की प्रवृत्ति पर कुछ हद तक रोक लगती, मगर हालात सामने हैं। लोगों का कहना है कि ऐसे अभियान चलाने के साथ ही शिक्षा विभाग को कठोर रुख अपनाना पड़ेगा, अन्यथा यहां बच्चों की पढ़ाई का स्तर कैसे सुधरेगा, यह चिंता का विषय है।