रायपुर। नवीन महाविद्यालय के लिए आरक्षित जमीन बिल्डर को आबंटित करने के विरोध में शहर के अमलीडीह इलाके में स्व:स्फूर्त बंद रहा। इस दौरान चौक पर सर्व समाज का धरना आयोजित किया गया, जिसमे बड़ी संख्या में आम लोगों के आलावा छात्र छात्राएं भी शामिल हुए। इस मौके पर प्रमुख वक्ताओं ने आरोप लगाया कि अचार संहिता के दौरान गैरकानूनी तरीके से रामा बिल्डकॉन को जमीन दे दी दी गई, इस आबंटन को रद्द किया जाये।

पूर्व विधायक ने सुरक्षित करवाई थी जमीन

दरअसल पूर्व विधायक सत्यनारायण शर्मा ने अपने कार्यकाल के दौरान अमलीडीह इलाके में शासकीय नवीन महाविद्यालय स्वीकृत कराया। बीते 2 सालों से यह महाविद्यालय स्थानीय शासकीय विद्यालय के भवन में चल रहा है। सत्यनारायण शर्मा ने महाविद्यालय के नए भवन के लिए अमलीडीह में ही खाली पड़ी लगभग 3 हेक्टेयर शासकीय जमीन को विधिवत तरीके से आरक्षित कराया। यह भूभाग बिल्डर रामा बिल्डकॉन की कॉलोनी से लगा हुआ है। प्रदेश में सरकार के बदलते ही सरकारी जमीन के आबंटन के पूर्व के नियम को रोक कर दिया गया था, बावजूद इसके संबंधित जमीन को पुराने नियम के आधार पर ही रामा बिल्डकॉन को आबंटित कर दिया। आरोप लग रहे हैं कि अधिकारियों ने बैक डेट से यह कारनामा किया है।

आश्चर्यजनक ढंग से किये गए इस आबंटन ने तूल पकड़ लिया है। इसी कड़ी में मंगलवार को विरोधस्वरूप अमलीडीह बंद रहा। यहां के लोगों ने धरना प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू भी कॉलेज के लिए आरक्षित जमीन को बिल्डर को देने के विरोध में आगे आए थे। उन्होंने सीएम विष्णुदेव साय को भी प्रकरण की जानकारी देते हुए आबंटन रद्द करने का अनुरोध किया, बावजूद इसके आबंटन नहीं रुका, जिसके चलते यहां बंद और धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया।

गलत तरीके से आबंटन का लगाया आरोप

इस मामले में भाजपा विधायक मोतीलाल साहू का कहना है कि अमलीडीह में और कोई सरकारी जमीन नहीं बची है। उक्त जमीन पर कॉलेज भवन का निर्माण होना है जो कि अभी स्कूल में संचालित हो रहा है। वे पहले भी इस सिलसिले में शासन से पत्र व्यवहार कर चुके हैं। मगर तत्कालीन कलेक्टर ने मतगणना के तीन दिन पहले गुपचुप तरीके से आबंटन की अनुशंसा कर सरकार को फाईल भेज दी थी, और इस आधार पर कार्रवाई हो गई।

साहू ने राजस्व विभाग के अफसरों की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं। मोतीलाल साहू ने कहा कि वो ग्रामीणों, और विद्यार्थियों के साथ खड़े हैं।

दूसरी तरफ, कॉलेज के लिए आरक्षित 9 एकड़ जमीन रामा बिल्डर के संचालक राजेश अग्रवाल को आबंटित करने के विरोध में ग्रामीणों ने आज प्रदर्शन किया, साथ ही अमलीडीह पूरी तरह बंद रहा। यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक आबंटन निरस्त नहीं हो जाता, और कॉलेज को जमीन नहीं मिल जाती विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा।

सर्व समाज की समिति के जरिये विरोध

महाविद्यालय के लिए प्रस्तावित जमीन के लिए अमलीडीह में सर्व समाज ने मिलकर हमर माटी हमर भुइयां रक्षा समिति के बैनर तले आज यह धरना-प्रदर्शन किया। कुर्मी समाज के प्रतिनिधि और पूर्व पार्षद लीलाधर चंद्राकर ने इस मुद्दे पर कहा कि राजेश अग्रवाल नाम के बिल्डर ने इस जमीन के आबंटन के लिए आवेदन किया था। राजस्व विभाग ने बिल्डर को जमीन देने का आदेश 28 जून को जारी कर दिया।

चंद्राकर ने बताया कि जमीन के आबंटन को लेकर पूर्व की सरकार के दौरान जो प्रतिवेदन दिया गया उसी के आधार वर्तमान में अचार संहित के दौरान ही रामा बिल्डकॉन को जमीन के आबंटन की प्रक्रिया पूरी कर दी गई, जबकि नियमतः ऐसा करना गलत है। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों ने नियम विरुद्ध कार्य किया है उनके विरूद्ध कार्रवाई की भी मांग वे कर रहे हैं।

पूर्व विधायक नन्द कुमार साहू ने इस मौके पर कहा कि आसपास के 7-8 गांवों और 3-4 वार्डों के बच्चे यहां पढ़ने आते हैं। जब शिक्षण संस्था के लिए जमीन नहीं होगी तो बच्चे कैसे पढ़ सकेंगे। बिल्डर को गलत तरीके से जमीन आबंटन का वे विरोध करते है और इसे लेकर जमीन की लड़ाई लड़ी जाएगी।

MIC की बैठक में भी हुआ विरोध

बता दें कि नगर निगम की एमआईसी की बैठक में भी सोमवार को यह मामला उठा था। इस दौरान यह कहा गया कि पिछली सरकार में रायपुर ग्रामीण के विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कॉलेज भवन के लिए सरकारी जमीन आरक्षित कराई थी, लेकिन सरकार ने बिल्डर को जमीन दे दी। एमआईसी के पांच सदस्यों ने कॉलेज के लिए आरक्षित जमीन को बिल्डर को देने पर आपत्ति जताई। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में विवाद और बढ़ सकता है।

हालांकि राजस्व अमला बता रहा है कि फिलहाल जमीन का पूरी तरह आबंटन नहीं हुआ है और न ही नक्शे में रामा बिल्डर का नाम चढ़ा है। अभी प्रारंभिक प्रक्रिया शुरू हुई है। इलाके में हो रहे इस विरोध के चलते शासन बैकफुट पर आता है या जमीन बिल्डर को देने पर अडिग रहता है, यह देखना अभी बाकी है।

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