- 0 NMC के हस्तक्षेप के बाद प्रबंधन ने की कार्रवाई
रायपुर। जवाहर लाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज में जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग का मामला सामने आया। शिकायत के बावजूद प्रबंधन ने कोई रूचि नहीं दिखाई तब नेशनल मेडिकल काउंसिल और सीएम हाउस तक मामले की शिकायत हुई। जिसके बाद मामले की जांच की गई और पांच छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया।
छात्रों को मुंडन का फरमान, छात्राओं को…
इस मेडिकल कॉलेज में 50 जूनियर छात्रों के सर मुंडवाने के अलावा हॉस्टल में उनके साथ मारपीट भी की गई। जूनियर छात्रों को स्कूल बैग, स्कूल शूज, के अलावा छात्राओं को एक विशेष प्रकार का तेल लगाकर आने के लिए मजबूर किया गया। छात्राओं से व्हाट्सएप पर फोटो मंगवाए गए।
यह मामला दीपावली के पहले का है। यहां प्रथम वर्ष के 50 छात्रों को दबाव बनाकर मुंडन करवा दिया गया। इनके लिए कॉलेज जाने के दौरान ड्रेस कोड भी तय कर दिया गया। स्कूल शूज के अलावा कंधे पर लटकने वाला झोला लेकर आने को मजबूर किया गया। साथ ही कॉलेज में आने और जाने के दौरान और क्लास से निकलने के दौरान सर झुकाकर एक लाइन में कंधे में झोला लटका कर आने–जाने के निर्देश दिए गए। जिसके चलते छात्र कॉलेज आने– जाने के दौरान और कॉलेज में सर झुका कर चलते देखे गए। फर्स्ट ईयर के छात्रों को एक विशेष प्रकार का तेल लगाकर आने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्राओं की व्हाट्सएप में फोटो भी मोबाइल में मंगवाई। हॉस्टल में भी प्रताड़ना और मारपीट की गई।
सोशल मीडिया के जरिये हुई शिकायत
दरअसल मेडिकल कॉलेज में जूनियर और सीनियर छात्रों का ग्रुप बना हुआ है। जिसमें रैगिंग हेतु सीनियर छात्र जूनियर छात्रों को निर्देश देते हैं। इसी में जूनियर छात्रों के लिए ड्रेस कोड और सर मुंडाने संबंधी मैसेज किया गया था। यह मैसेज एक जूनियर छात्र ने अपने पेरेंट्स को भेज दिया। पैरंट्स ने स्थानीय स्तर पर शिकायत की। शिकायत पर जब कॉलेज प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तब फर्स्ट ईयर के विद्यार्थियों के परिजनों ने सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय और नेशनल मेडिकल कमीशन, नई दिल्ली से शिकायत की। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने नेशनल मेडिकल कमीशन से मामले को टैग किया। इसके बाद 26 अक्टूबर को यह मामला कॉलेज के एंटी रैगिंग कमेटी तक पहुंचा। मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली की एंटी रैगिंग कमेटी ने भी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को मेल कर इस मामले में कार्रवाई कर अवगत करवाने के लिए कहा है।
दो के बाद 3 और छात्रों पर की गई कार्रवाई
आखिरकार इस मामले को लेकर महाविद्यालय की एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई। जांच के बाद द्वितीय वर्ष के छात्र अंशु जोशी और दीप राज वर्मा को रैगिंग संबंधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने की पुष्टि हुई। इसके बाद दोनों छात्रों को समस्त कक्षाओं एवं क्लीनिकल पोस्टिंग में 4 नवंबर से 10 दिनों के लिए निष्कासित कर दिया गया है। रैगिंग संबंधी कमेटी की बैठक के बाद अब कुल 5 छात्रों को महीने भर के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
कार्रवाई के बाद भी दे रहे हैं धमकी
कॉलेज प्रबंधन की कार्यवाही के बाद भी सीनियर छात्रों के हौसले बरक़रार हैं। वे उल्टे जूनियर छात्रों को धमकाते हुए ग्रुप में 10 नवंबर के बाद असली रैगिंग होने की बात कह रहे हैं। मैसेज में कहा गया है कि 60 साल से चली आ रही यह प्रथा तुम लोगों के पोस्टर शिकायत से बंद नहीं होने वाली। शिकायत करने वाले का नाम पता चलने पर एमबीबीएस कैसे पास होगा यह देखने की धमकी दी गई है। यह भी लिखा गया है कि सिर्फ फोटो ही मांगी गई थी और शिकायत करने वाला भी उतना शरीफ नहीं होगा, जितना बन रहा है। फोटो मांगने जैसी छोटी सी चीज के लिए शिकायत की जा रही है। यह सब सीनियर्स के द्वारा मजे के लिए नहीं किया जा रहा है, जो उनके साथ हुआ है वही वह कर रहे हैं और अगले साल तुम लोग भी करोगे।
परिजनों के सामने दी गई समझाइश
इस मामले में कॉलेज प्रबंधन ने जिन दो छात्रों को 10 दिनों के लिए निष्कासित किया है उनके पेरेंट्स को भी बुलाया था। इनके अलावा तीन और छात्रों के पेरेंट्स को बुलाकर समझाइश दी गई है। दिल्ली की एंटी रैगिंग कमेटी की शुक्रवार को दोबारा मेल आने और कार्यवाही की जानकारी मांगने के बाद सोमवार को फिर से कॉलेज प्रबंधन की बैठक आयोजित की गई। इसमें 10 दिनों के निष्कासन को बढ़ाकर महीने भर कर दिया गया। वहीं 3 और छात्रों पर कार्रवाई की गई।