बिलासपुर। सिविल लाइन पुलिस ने एलआईसी प्रबंधक की शिकायत पर बड़ी धोखाधड़ी का पर्दाफाश करते हुए विजय पांडेय, उनके भतीजे ओमप्रकाश पांडेय और नॉमिनी रमेश पांडेय को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि विजय पांडेय ने एलआईसी एजेंट नरेश अग्रवाल के साथ मिलकर अपने भतीजे ओमप्रकाश पांडेय का टर्म इंश्योरेंस करवाया और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के जरिए बीमा राशि के रूप में एक करोड़ रुपये का दावा किया। इस फर्जीवाड़े में वे 36 लाख रुपये निकालने में सफल रहे।

भतीजे के नाम ली पॉलिसी, बाद में मृत्यु होना बता दिया

पुलिस के अनुसार, विजय पांडेय ने अपने भतीजे ओमप्रकाश के नाम पर तीन बीमा पॉलिसी ली थीं, जिनमें नॉमिनी के रूप में ओमप्रकाश के भाई रमेश पांडेय को नामांकित किया गया था। इस वर्ष 5 फरवरी 2024 को ओमप्रकाश की मृत्यु बताकर नॉमिनी रमेश ने बीमा कंपनी से 36 लाख रुपये का क्लेम प्राप्त कर लिया। एलआईसी प्रबंधक को संदेह होने पर उन्होंने मामले की जांच की, जिससे पता चला कि ओमप्रकाश जीवित हैं। इस पर प्रबंधक ने फर्जीवाड़े की शिकायत सिविल लाइन पुलिस में दर्ज कराई।

दाह संस्कार का भी फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने न केवल फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया, बल्कि श्मशान घाट से भी दाह संस्कार का फर्जी प्रमाण पत्र जारी करवाया। इसके लिए उन्होंने नगर निगम कार्यालय में अधिकारियों की सील और हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त किया, जबकि श्मशान घाट से 2,000 रुपये देकर अंत्येष्टि का प्रमाण पत्र बनवाया गया था।

सिविल लाइन पुलिस ने विजय पांडेय, ओमप्रकाश पांडेय और रमेश पांडेय के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471 और 120 (बी) के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है और इस बात की जांच कर रही है कि इस फर्जीवाड़े में अन्य कौन लोग शामिल हो सकते हैं।

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