जयपुर। राजस्थान के उदयपुर की एक अदालत ने नौ वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करने के आरोपी को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई है।
विशिष्ट लोक अभियोजक सैयद हुसैन ने बताया कि अदालत ने आरोपी के माता-पिता को अपराध छिपाने के लिए भी चार वर्ष कैद की सजा सुनाई।
उन्होंने बताया कि न्यायाधीश संजय कुमार भटनागर की अदालत ने अपराध को गंभीर मानते हुए आरोपी कमलेश सिंह को मौत की सजा और उसके माता-पिता राम सिंह व किशन कंवर को चार वर्ष कैद की सजा सुनाई।
हुसैन ने बताया कि 29 मार्च 2023 को हुई घटना के लिए उदयपुर के मावली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि आरोपी ने बच्ची की हत्या कर शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और बाद में शव को एक खंडहर में छिपा दिया था।
आरोपी ने बच्ची को ऐसे फंसाया अपने जाल में
इस मामले में कोर्ट ने भा. द. स.363, 366, 376 (2) (N) और 302 सहित पोक्सो एक्ट 2012 की धारा 6 के तहत कमलेश को दोषी ठहराया। वही भा. द. स. की धारा 201 के तहत माता-पिता को 4-4 साल की कारावास की सजा दी है। माता-पिता ने सबूत नष्ट करने में आरोपी की मदद की थी। आरोपी चॉकलेट देने के बहाने बच्ची को घर लेकर गया था। इसके बाद रेप कर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी थी। फिर उसके हाथ, पैर, धड़ सहित शव के 10 टुकड़े कर बोरे में भरकर घर से करीब 200 मीटर दूर एक खंडहर में फेंक आने दर्ज या था। बच्ची इसे भैया कहकर बुलाती थी। रक्षा बंधन पर राखी बांधती थी।
पिता ने दर्ज करवाई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट
बच्ची के पिता ने 29 मार्च 2023 को उसके लापता होने की रिपोर्ट मावली थाने में दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया था कि बेटी दोपहर 4 बजे स्कूल आई थी। ड्रेस बदलकर ताउजी के पास जाने का कहकर निकली थी। तब से वापस नहीं लौटी। पुलिस ने डॉग स्क्वॉड की मदद से तलाश शुरू की। एक अप्रैल को पीड़िता का शव एक खंडहर में एक बोरे में पड़ा मिला। उसी दिन पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।
पॉर्न मूवी देखने के बाद वारदात को दिया अंजाम
आरोपी कमलेश के माता-पिता घर पर नहीं थे। वह खिड़की में बैठकर मोबाइल पर पॉर्न मूवी देख रहा था। बच्ची को खेत पर जाता देखा और उसे चॉकलेट का लालच देकर आवाज लगाई। उसे अपने घर के अंदर बुलाकर बाथरूम में ले गया। कमलेश की हरकतों से बच्ची चिल्लाने लगी तो उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। बच्ची के साथ दरिंदगी के बाद उसे उठाने लगा, लेकिन बच्ची निढाल पड़ी थी। आरोपी समझ गया कि बच्ची की मौत हो चुकी है।
बाथरूम में ही इस तरह किये शरीर के 10 टुकड़े
चार्जशीट के मुताबिक आरोपी कमलेश ने बाथरूम में ही पत्थर-छुरी से बच्ची के हाथ-पैर, धड़ सहित पूरे शरीर के अलग-अलग 10 टुकड़े किए थे। फिर उन टुकड़ों को अलग-अलग थैली में भरा था। थैलियों को टॉयलेट में छिपा दिया था। कमलेश के माता-पिता को घटना की खबर दूसरे दिन 30 मार्च को लगी थी। तीनों ने मिलकर शव को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया था। रात 11 बजे कमलेश शव के टुकड़ों से भरी बोरी घर से करीब 200 मीटर दूर बने खंडहर में फेंकने गया था। इस बीच कमलेश का पिता रामसिंह घर के बाहर और मां किशन कंवर खंडहर के बाहर खड़ी रही। ताकि आने-जाने वालों से बेटे को सतर्क कर सकें।
वहीं माता- पिता ने इस केस में पहले से जमानत याचिका लगाई थी, इस वजह से उन्हें जमानत दे दी गई। इस केस में 42 गवाह, 174 अहम दस्तावेज और 27 आर्टिकल पेश किए गए थे। वही सजा सुनने के बाद आरोपी कमलेश ने कहा कि वो निर्दोष है। माता- पिता को बचाने के लिए उसने ये सब किया। मैं हाइकोर्ट में अपील करूंगा। वही इस फैसले के बाद मावली के पीड़िता के गांव में खुशी है।