रायपुर। मोतियाबिंद आपरेशन में लापरवाही मामले में राज्य सरकार ने महिला डाक्टर सहित 3 को सस्पेंड कर दिया है। दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ गीता नेताम ने 20 मरीजों की आंखों का मोतियाबिंद आपरेशन किया था। इसके बाद 10 मरीजों की आंखों में इंफेक्शन हो गया। जिसके बाद आनन-फानन में सभी को राजधानी स्थित मेकाहारा में भर्ती कराया गया।

स्वास्थ्य मंत्री ने मरीजों से की थी मुलाकात

इस मामले को लेकर आज खुद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल आंबेडकर अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने मरीजों का हालचाल जाना और अच्छे इलाज के निर्देश दिये। इधर राज्य सरकार ने इस मामले में डॉ गीता नेताम को प्रथम दृष्टिया मामले में दोषी पाया है। डॉ गीता नेताम को दंतेवाड़ा सीएमएचओ कार्यालय में अटैच किया गया है। उनके साथ ही सहायक दीप्ति टोप्पो और नर्स ममता वैदे को भी निलंबित किया गया है।

दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में दर्जन भर से ज्यादा लोगों को अपनी आंखें तक गंवाने तक की नौबत आ गई थी। हालांकि समय रहते मामले की जानकारी कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी को मिली। जिसके बाद आनन-फानन में नेत्र रोगियों को राजधानी रायपुर और मेकाज पहुंचाया गया। फिलहाल सभी की स्थिति सामान्य बताई जा रही है। मंगलवार को जिला अस्पताल में 20 नेत्र रोगियों की सर्जरी की गई थी। इस सर्जरी के अगले दिन ही रोगियों को आंखों में काफी परेशानी होने लगी। रोगियों ने इस बात की जानकारी अस्पताल प्रबंधन को दी। इधर अस्पताल प्रबंधन ने 10 रोगियों को हो रही परेशानी के बीच भी इस बात की जानकारी उच्चाधिकारियों को नहीं दी और न ही उनके रोग दूर करने की दिशा में कोई प्रयास किया। आखिरकार सभी मरीजों को रायपुर लाया गया। इस बेच मामले की जाँच की गई और प्रथम दृष्टया ऑपरेशन करने वाली टीम को ससपेंड कर दिया गया।

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