0 बिलासपुर पुलिस ने केके श्रीवास्तव पर 10 हजार का इनाम किया घोषित

बिलासपुर। 15 करोड़ की ठगी के मामले में पुलिस द्वारा FIR दर्ज करने के बाद से फरार व्यवसायी केके श्रीवास्तव को भगोड़ा घोषित करते हुए उसके ऊपर 10 हजार रूपये का इनाम घोषित किया गया है। पुलिस ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो खुलासा हुआ कि उसने बड़े पैमाने पर फ्रॉड किया है।

पुलिस की जांच में पता चला कि श्रीवास्तव ने EWS के मकान में रहने वाले गरीबों के बैंक अकाउंट के जरिए 500 करोड़ रुपयों का लेनदेन किया है। इस मामले की प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस ने इस आयकर विभाग के सुपुर्द कर दिया है।

पहले किया मजा, अब भुगत रहे…

कांग्रेस की पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान केके श्रीवास्तव का काफी रसूख और रुतबा हुआ करता था। राज्य की सत्ता से कांग्रेस के बाहर होते ही ठगी के आरोप में फंसे श्रीवास्तव अब फरारी काट कर रहे हैं। श्रीवास्तव पर 15 करोड़ रुपये ठगने के आरोप में पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर लिया है। फरारी काट रहे श्रीवास्तव को पुलिस ने अब जाकर भगोड़ा घोषित कर दिया है।

इस तरह की 15 करोड़ की ठगी

पूर्व सीएम के करीबी श्रीवास्तव को भगोड़ा घोषित करने के साथ ही पुलिस ने श्रीवास्तव का पता बताने वाले या फिर गिरफ्तार कराने में मदद करने वालों को 10 हजार रुपये बतौर पुरस्कार देने की घोषणा भी कर दी है। राज्य की सत्ता पर दखलंदाजी रखने वाले श्रीवास्तव ने पूर्व सीएम बघेल के करीबी होने का जमकर फायदा उठाया। छत्तीसगढ़ से लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में सत्ता का प्रभाव दिखाकर बेजा इस्तेमाल भी करते रहे हैं। रसूख का बेजा इस्तेमाल करते हुए श्रीवास्तव ने बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में काम दिलाने का झांसा देकर दिल्ली के व्यवसायी रावत एसोसिएट के मालिक अशोक रावत से 15 करोड़ रुपये की उगाही कर ली। ठेका ना मिलने और रुपये ना लौटाने पर रावत ने श्रीवास्तव ने संपर्क किया और राशि ना लौटाने पर पुलिस में एफआईआर कराने की बात कही।

लगातार बाउंस होते गए चेक

FIR की चेतावनी के बाद श्रीवास्तव ने कंचन श्रीवास्तव के बैंक अकाउंट से तीन करोड़ 40 रुपये रावत को वापस लौटाया। साथ ही तीन-तीन करोड़ रूपये केे तीन चेक भी जारी कर दिया। हालांकि तीनों चेक बाउंस हो गया।

कांग्रेस शासनकाल के दौरान श्रीवास्तव ने कोरबा में फ्लाई एश परिवहन का ठेका हथिया लिया था। उसने इसके लिए बकायदा कंपनी बना ली थी। वहीं कोल स्कैम में श्रीवास्तव का नाम भी आया था। ईडी ने इसकी जांच भी की है।

एके श्रीवास्तव ने पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जमानत याचिका पेश की है। मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने तल्ख टिप्पणी करते हुए यहां तक कह दिया था कि इट इज ए ह्यूज फ्राड।

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