गरियाबंद। जिला प्रशासन ने अवैध रेत खनन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। गरियाबंद के परसदाजोशी गांव में रेत माफिया संकल्प जंघेल और उसके साथियों द्वारा अवैध उत्खनन के मामले में जिला प्रशासन ने 4 करोड़ 25 हजार रुपए का भारी जुर्माना ठोका है। बिना वैध अनुमति के 80,000 घनमीटर से अधिक रेत निकालने पर यह कार्रवाई की गई।

अवैध रेत खनन पर जिला प्रशासन की अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है। यहां यह बताना लाजिमी है कि कई जिलों में बारिश से पहले अवैध भंडारण और अवैध खनन के थोक में मामले आ रहे थे। महानदी के किनारे भी मशीनों से खनन की शिकायतें थी।

सिंडिकेट बनाकर रेत की कर रहे थे तस्करी

उस दौरान प्रशासन ने वाहन जब्ती की कार्रवाई की थी, लेकिन यह पहली बार है, जब बड़ा एक्शन लिया गया है। जानकारी के अनुसार रेत खदान का पट्टा 16 नवंबर 2023 को समाप्त होने के बावजूद संकल्प जंघेल और उनके सहयोगी, पूर्व सरपंच सुनीता सोनी, उनके पति बेनराज सोनी और हार्दिक सोनवानी ने अवैध रूप से खनन जारी रखा। इस खनन से न केवल पर्यावरण को नुकसान हुआ, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों का भी दोहन किया गया।

जिला प्रशासन ने दिखाई सख्ती

जिला प्रशासन ने मामले की जांच के बाद आरोपियों पर एमएमडीआर एक्ट 1957 और छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम 2015 के तहत कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया। कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि जिले में अवैध खनन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और ऐसे मामलों में कठोर दंड दिया जाएगा।

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