नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री को आवंटित सिविल लाइंस के 6, फ्लैगस्टाफ रोड पर लोक निर्माण विभाग ने कार्रवाई करते हुए सील लगा दिया है। मुख्यमंत्री आवास पर दो बड़े ताले लगाए गए हैं। आम आदमी पार्टी ने दावा करते हुए इस बात की पुष्टि की है कि मुख्यमंत्री आतिशी के सरकारी आवास में रखे सामान का बाहर निकलवा दिया है।

CMO ने लगाया ये आरोप

उधर दिल्ली सीएम ऑफिस ने आरोप लगाया कि एलजी की तरफ से बीजेपी के किसी बड़े नेता को सीएम आवास आवंटित करने की तैयारी चल रही है। 27 साल से दिल्ली में वनवास काट रही बीजेपी अब सीएम आवास कब्जाना चाह रही है। आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आरोप लगाया कि बंगला अभी आतिशी को आवंटित नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि बंगले के कैंपस में मौजूदा मुख्यमंत्री का एक शिविर कार्यालय भी खाली करा लिया गया है। बीजेपी दिल्ली में विधानसभा चुनाव जीत नहीं पाई है इसलिए वह अब दिल्ली के मुख्यमंत्री का बंगला हड़पने की कोशिश कर रही है।हालांकि, बीजेपी का कहना है कि आतिशी ने बंगले पर अवैध कब्जा किया है। पूरा विवाद तब सामने आया जब अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया।

गैरकानूनी ढंग से बंगले में रहने का लगाया था आरोप

आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया कि अधिकारी प्रोटोकॉल की अवज्ञा कर बीजेपी के दबाव में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगला आवंटित नहीं कर रहे। ये हाल तब है जबकि अरविंद केजरीवाल इसे खाली कर चुके हैं। इस बीच, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री पर गैरकानूनी ढंग से बंगले में रहने का आरोप लगाया और मांग की कि इसे सील किया जाए।

शीशमहल सील होने पर हम दिल्लीवासियों को गर्व : नेता प्रतिपक्ष

उधर, दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग की इस कार्रवाई पर दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने भी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि शीशमहल पर अवैध कब्जे पर कार्रवाई की गई है। हमारी मांग को पूरा किया गया है और शीशमहल के सील होने पर हम दिल्लीवासियों को गर्व है।

PWD को चाबियां नहीं सौंपने का आरोप

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले हफ्ते तक इसी आवास में रह रहे थे। उन्होंने इस्तीफा देने के तीन हफ्ते बाद यह बंगला खाली किया था। PWD अधिकारियों के अनुसार, इस बंगले की चाबी आतिशी के पास थी लेकिन उन्हें इसका आधिकारिक अलॉटमेंट लेटर नहीं दिया गया था।

आपको बता दें कि दिल्ली में मुख्यमंत्री के लिए कोई निश्चित आधिकारिक आवास नहीं है। साल 2015 से अरविंद केजरीवाल इस घर में रह रहे हैं। इसमें साल 2020-21 में दोबारा से काम किया गया था, जिसके बाद इसपर खर्च हुई राशि को लेकर विवाद हुआ था।

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