बिलासपुर। न्यायधानी में जमीन की खरीदी-बिक्री में हो रहे फर्जीवाड़े पर लगाम कसने के लिए कलेक्टर अवनीश शरण ने दो बड़े फैसले लिए हैं। पहला, कांग्रेस के पूर्व विधायक मोहित राम केरकेट्टा की अवैध रूप से रजिस्ट्री करवाई गई जमीन को रद्द कर दिया गया है। दूसरा, फर्जी जमीन सौदों पर नजर रखने के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ (स्पेशल सेल) का गठन किया गया है, जिससे सरकारी जमीनों की खरीद-बिक्री की तत्काल जानकारी प्राप्त हो सके।

कब्रिस्तान की जमीन को कराया अपने नाम

कुदुदंड पटवारी हल्का नम्बर 34 में खसरा नंबर 296/1 की जमीन, जिसका क्षेत्रफल 0.405 हेक्टेयर यानी लगभग 1 एकड़ है, चर्च ऑफ ख्राईष्ट के कब्रिस्तान के रूप में दर्ज थी। 2021 में इस जमीन को तत्कालीन विधायक मोहित राम केरकेट्टा और उनके पुत्र शंकर राम केरकेट्टा ने गलत तरीके से अपने नाम करवा लिया। कलेक्टर अवनीश शरण को इस मामले की शिकायत मिली, जिसके बाद उन्होंने इस जमीन का पुनर्विलोकन कराया और रजिस्ट्री को रद्द कर दिया। अब इस जमीन को फिर से चर्च के नाम पर दर्ज कर दिया गया है।

स्पेशल सेल के अधिकारी करेंगे निगरानी

बिलासपुर सहित अन्य प्रमुख शहरों में सरकारी जमीन पर कब्जा कर उसकी खरीदी-बिक्री करने का गोरखधंधा भी तेजी से जिले में फल-फूल रहा है। दो दिन पहले ही 11 एकड़ सरकारी जमीन को 94 लोगों के बीच केवल स्टाम्प पेपर पर एग्रीमेंट कर बेच देने का मामला सामने आया था। अब कलेक्टर अवनीश शरण ने सरकारी जमीनों की खरीदी-बिक्री की धांधली रोकने के लिए भू-अभिलेख शाखा में एक स्पेशल सेल का गठन किया है। इस सेल का नेतृत्व संयुक्त कलेक्टर मनीष साहू करेंगे, जो नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। यह प्रकोष्ठ विशेष रूप से ऐसी जमीनों के लेन-देन पर निगरानी रखेगा, जो फर्जी तरीके से खरीदी-बिक्री की जा रही हैं।

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