रायपुर। कवर्धा जिले के लोहारीडीह में हुई घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार से गंभीर सवाल पूछे हैं। बघेल ने इस मामले में उन सभी 167 आरोपियों के नामों का खुलासा किया, जिनके खिलाफ आगजनी, हत्या और मॉब लिंचिंग के आरोप हैं। भूपेश बघेल ने सवाल उठाया कि क्या भाजपा की सरकार इन सभी को फांसी की सजा दिलाना चाहती है ?

‘मॉब लिंचिंग की घटना पर देश में पहली FIR’

राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोपियों के नामों का खुलासा करते हुए वो धाराएं गिनाईं जो कुल 167 और अन्य के खिलाफ लगाई गई हैं। उन्होंने बताया कि देश में भारतीय न्याय संहिता (BNS) लागू करने के बाद संभवतः यह पहली घटना है जिसमे मॉब लिंचिंग की धारा लगाई गई है। इसके अलावा हत्या, दंगा, घातक हथियार से हमला सहित कई आरोप हैं।

भूपेश ने सरकार से पूछे ये सवाल…

भूपेश बघेल ने कहा कि उन्होंने पिछले दिनों सरकार से 5 सवाल पूछे थे, उनका जवाब फिलहाल नहीं मिला है। इस बार उन्होंने सवाल उठाया है कि केवल एक शख्स (मृतक रघुनाथ के पुत्र विनोद साहू) की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने कुल 167 लोगों का नाम FIR में कैसे दर्ज कर लिया ? क्या सरकार इन सभी आरोपियों को फांसी की सजा दिलाना चाहती है ? उन्होंने बताया कि हत्या और मॉब लिंचिंग की धाराओं में फांसी या उम्रकैद की सजा निर्धारित है। इतनी गंभीर धाराएं आखिर इतने लोगों के खिलाफ बिना विवेचना के कैसे दर्ज कर ली गई ?

‘विवेचना के बाद तय करने थे आरोपियों के नाम’

भूपेश बघेल ने कहा कि लोहरीडीह की घटना में बिना किसी जांच के इतने लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत FIR दर्ज कर दिया गया, जबकि ऐसा करने से पहले गांव वालों का भी बयान लिया जाना था। जिन्हे पकड़ा गया उनमे से कुछ लोग MP गए थे, कुछ हैदराबाद से लौटे थे, वहीं घटना के बाद कुछेक लोग परिजनों से मिलने गांव आये थे।

‘कई ग्रामीण नहीं लौट रहे घर’

पूर्व CM बघेल ने कहा कि पुलिस ने आरोपियों के नाम सार्वजनिक नहीं किये हैं, जिसके चलते कई ग्रामीण घर वापस नहीं लौट रहे हैं। पुलिस ने अब तक 67 लोगों को ही गिरफ्तार किया है। इनमें भी ऐसे लोग शामिल हैं, जिनके घटना में शामिल नहीं होने के बाकायदा साक्ष्य हैं। ऐसे में पुलिस की जांच के त्रुटिपूर्ण होने का खुलासा होता है। क्या सरकार इन तथ्यों से सहमति रखती है ? उन्होंने सवाल दुहराया कि क्या सरकार इस मामले की दोबारा विवेचना कराएगी ? उन्होंने कहा कि पुलिस ने रातोंरात घरों के दरवाजे तोड़कर ग्रामीणों को गिरफ्तार किया, थाने में उनकी पिटाई की और देर रात उन्हें जेल में ट्रांसफर कर दिया।

भूपेश बघेल ने FIR के आधार पर यह भी बताया कि आरोपियों में किस जाति के कितने लोग शामिल हैं। इनमें साहू समाज के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इस घटना में FIR के बाद केवल 167 ही नहीं बल्कि इनसे जुड़े कई परिवारों का भविष्य जुड़ा हुआ है, इनकी सूची सही है या नहीं, इनके खिलाफ लगाई गई धाराएं सही हैं या नहीं, क्या सरकार इसकी विवेचना कराएगी ? भूपेश बघेल ने यह भी पूछा है कि सरकार कचरू साहू के शव का दोबारा पोस्टमॉर्टम कराएगी या नहीं। जिस IPS अधिकारी का निलंबन किया गया है, उनके खिलाफ FIR दर्ज किया गया है या नहीं ? उन्होंने मामले की दंडाधिकारी जांच के बिंदुओं का भी खुलासा करने को कहा है।

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