जशपुर। यह मामला किसी और स्कूल का नहीं बल्कि स्वामी आत्मानंद जैसे प्रतिष्ठित स्कूल का है, जहां भर्ती होने के लिए बच्चे लालायित होते हैं। ऐसे स्कूल में अगर कोई डर्टी प्रिंसिपल पहुंच जाए तो फिर क्या कहने। शासन ने जिस नियत से उसे यहां का प्रभार दिया, वह इसके उलट निकला। उसने स्कूल की छात्राओं ही नहीं शिक्षिकाओं पर भी गंदी नियत रखना शुरू कर दिया। उसकी गंदी हरकतें और छेड़छाड़ जब बर्दास्त से बाहर हो गईं तब सभी ने मिलकर उसकी शिकायत कर दी।

लैंगिक उत्पीड़न का लगाया आरोप

जशपुर जिले के मनोरा विकासखंड मुख्यालय में संचालित आत्मानंद स्कूल के प्राचार्य आरपी निराला पर लैंगिक उत्पीड़न का आरोप लगा है। आरोप ये भी है कि बैड टच करने के अलावा कमरे में बुलाकर अश्लील गाने पर छात्राओं को डांस भी करवाया। कलेक्टर द्वारा जांच करवाने पर प्रथम दृष्टया आरोपों की पुष्टि हुई। जिसके बाद प्राचार्य आरबी निराला को प्राचार्य के पद से हटाते हुए मूल शाला में भेज दिया गया है। उनके खिलाफ निलंबन और पुलिसिया कार्यवाही अभी बाकी है।

आरपी निराला मनोरा विकासखंड जिला जशपुर में पदस्थ है। उन पर आरोप है कि स्कूल की छात्राओं, महिला कर्मचारियों और शिक्षिकाओं का उत्पीड़न करते है। चॉकलेट देने के बहाने छात्राओं को कमरे में बुला कर अश्लील हरकतें और बैड टच करते है। 5 सितंबर शिक्षक दिवस के दिन भी प्राचार्य ने दो छात्राओं को कमरे में बुलाकर अश्लील गानों पर डांस करवाया। छात्राओं ने उन पर गलत तरीके से छूने और गंदी बातचीत करने का आरोप भी लगाया है। छात्राओं के अलावा शिक्षिकाओं और महिला कर्मचारियों ने भी प्राचार्य पर अशोभनीय व्यवहार करने की शिकायत की थी। शिकायत मिलने पर कलेक्टर रवि मित्तल ने मामले की जांच के लिए एसडीएम को निर्देशित किया।

SDM की जांच रिपोर्ट के बाद हुई कार्रवाई

एसडीएम ने जब मामले की जांच की तो सारी शिकायतों की पुष्टि हुई। कलेक्टर को सौंपे जांच प्रतिवेदन में एसडीएम ने बताया है कि विद्यालय में कार्यरत महिला कर्मचारियों, शिक्षिकाओं एवं छात्राओं के साथ अशोभनीय व्यवहार किए जाने का मामला प्रथम दृष्टया सहीं पाया गया है। कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों एवं विद्यालयीन छात्राओं के साथ लैंगिक उत्पीड़न जैसे कृत्य किया गया है। जिससे छात्राएं मानसिक रूप से पीड़ित है।

कलेक्टर ने जारी किया नोटिस

एसडीएम की जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर रवि मित्तल ने प्राचार्य को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि आपके द्वारा प्रभारी प्राचार्य जैसे महत्वपूर्ण और जिम्मेदार पद पर पदस्थ होने के उपरांत भी अनैतिक और अमर्यादित कृत्य किया गया, जो जांच प्रतिवेदन एवं बयान के आधार पर प्रथमदृष्ट्या सही पाया गया। आपने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरती है। सिविल सेवा आचरण संहिता अधिनियम एवं महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न निवारण प्रतिषेध एवं प्रतितोषण अधिनियम 2013 के सर्वथा विपरीत एवं शस्ति योग्य है। कलेक्टर ने तीन दिवस के भीतर प्राचार्य को जवाब देने के लिए निर्देशित किया है। समय अवधि में जवाब नहीं आने पर एक पक्षीय कार्यवाही की चेतावनी भी दी है। प्राथमिक रूप से प्राचार्य आरबी निराला को प्राचार्य के पद से हटाते हुए उनके मूल पद पर वापस स्कूल भेज दिया गया है।

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